सरस्वती शिशु मंदिर श्रीनगर गढ़वाल में गढ़वाल मण्डलीय नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी की पहल हुई संगोष्टी
प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल।गढवाल मण्डलीय नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी अखिलेश चन्द्र चमोला के दिशा निर्देशन में सरस्वती शिशु मंदिर श्रीनगर गढ़वाल के सभागार में नशा उमूलन को लेकर एक संगोष्टी आयोजित हुई। जिसमें नोडल अधिकारी चमोला ने बच्चों को जीवन में कभी नशा न करने की नसीहत देने के साथ ही महापुरुषों के प्रेरक प्रसंग भी सुनाये। साथ ही यह भी कहा कि बच्चे ईश्वर की अनमोल कृति है। सभी बच्चों में कुछ न कुछ विशेष योग्यता रहती है। हमें भयमुक्त वातावरण में उनकी योग्यता को तराशने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। आज इस बात की प्रमुखता से आवश्यकता है कि युवा वर्ग को उसकी शक्ति व क्षमताओं का बोध कराना। जिस प्रकार महाभारत में श्री कृष्ण ने अर्जुन को जगा कर उसे उसकी शक्ति का बोध कराया हमारा समग्र रूप से प्रयास हो ना चाहिए कि हम उनके सम्मुख अपने आदर्शों को रखे।उनमे अनुकरण करने की क्षमता अधिक रहती है। यदि हमें इस तरह की जानकारी मिलती है कि कोई छात्र नशीले पदार्थों का सेवन कर रहा है,तो हमारा नैतिक कर्त्तव्य होना चाहिए,कि उसे सौहार्द पूर्ण वातावरण देकर महापुरुषों के दिव्य प्रेरक प्रसंग सुनाकर नशा न करने के लिए प्रेरित करें।इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य गोविन्द सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में की जा रही नयी तकनीकियों का भी नोडल अधिकारी चमोला से अवलोकन कराया। इस मौके पर बच्चों के साथ ही सम्पूर्ण विद्यालय परिवार ने जीवन में कभी नशा न करने की प्रतिज्ञा ली। नशा से सम्बन्धित पहलुओं पर नोडल अधिकारी चमोला ने बच्चों से संवाद भी स्थापितकिया,बच्चों के सकारात्मक उतर देने पर चमोला ने प्रधानाचार्य को बधाई दी।विद्यालय के प्रधानाचार्य गोविंदसिंह ने नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी की अनुशंसा करते हुए कहा कि बच्चों पर नैतिक बोध कथाओ तथा प्रेरक प्रसंगों का सबसे ज़्यादा प्रभाव पड़ता है। चमोला द्वारा बड़े ही सारगर्भित शब्दो से बच्चों का मार्ग दर्शन किया जा रहा है। इस तरह की कार्य शालायें समय समय पर बच्चों के शैक्षिक उन्नयन के लिए बहुत जरूरी हैं।