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एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल की जन्मस्थली का शैक्षिक भ्रमण

प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल।हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के हिंदी-विभाग की अध्यक्ष प्रो.गुड्डी बिष्ट पंवार जी के दिशा-निर्देशानुसार दिनांक 18 दिसंबर 2024 को बी.ए.पंचम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं के लिए एक शैक्षिक भ्रमण आयोजित किया गया। यह भ्रमण प्रसिद्ध हिमवंत कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल की जन्मस्थली मालकोटी (जिला रुद्रप्रयाग) में संपन्न हुआ।इस शैक्षिक यात्रा का नेतृत्व विभाग की डॉ.सविता मैठाणी ने किया,इस दौरान विभाग की शोधछात्र आकाशदीप व रेशमा भी इस कार्यक्रम में शामिल रहे।भ्रमण के दौरान छात्रों को कवि के जीवन, साहित्य और उनके योगदान से अवगत कराया गया।मालकोटी गाँव में कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल के भतीजे गंभीर सिंह बर्त्वाल जी से छात्रों की मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि यह एक सराहनीय प्रयास है कि बड़ी संख्या में शोधार्थी व छात्र-छात्राएं यहाँ आते रहते हैं,जिससे कवि की कृतियों और उनके योगदान के बारे में नई पीढ़ी को जानकारी मिलती है।उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सरकार द्वारा अभी तक कवि के नाम पर कोई विद्यालय अथवा पुरस्कार की घोषणा नहीं की गई है। वर्ष 2019 में कवि के शताब्दी वर्ष के अवसर पर उनकी प्रतिमा की स्थापना की गई,जिसका अनावरण प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी द्वारा किया गया था। यह प्रतिमा आज गाँव का आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल का जन्म 20 अगस्त 1919 को मालकोटी गाँव में हुआ था। उनके पिता भूपाल सिंह और माता जानकी देवी थीं। कवि की रचनाओं से यह ज्ञात होता है कि वे हिंदी साहित्य में छायावाद और प्रगतिवाद के सशक्त हस्ताक्षर थे।उनकी काव्य रचनाएँ प्रकृति प्रेम,मानवीय संवेदनाओं और समाज की वास्तविकताओं को दर्शाती हैं।शैक्षिक भ्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं ने कवि की जन्मस्थली के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को समझा तथा उनके साहित्यिक योगदान से प्रेरणा प्राप्त की और अपनी रिपोर्ट तैयार करने का प्रयास किया।

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