मुख्यमंत्री की पहल से शीतकालीन यात्रा को मिला नया आयाम ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन में उमड़े श्रद्धालु
प्रदीप कुमार
रुद्रप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल।प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में इस वर्ष शीतकालीन यात्रा का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में जनपद रुद्रप्रयाग में भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल,ओंकारेश्वर मंदिर,ऊखीमठ में यात्रा की व्यवस्थाएं अत्यंत सुव्यवस्थित और प्रशंसनीय ढंग से की गई हैं। इन्हीं उत्कृष्ट प्रबंधों के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु ओंकारेश्वर मंदिर पहुंच रहे हैं।साल 2024 के अंतिम दिन और 2025 के प्रथम दिन उत्तराखंड ही नहीं,बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी हजारों तीर्थयात्री भगवान शिव के दर्शन के लिए ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में उपस्थित हुए।तीर्थयात्रियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आरंभ की गई इस नई पहल की प्रशंसा करते हुए इसे एक ऐतिहासिक और सराहनीय कदम बताया।उन्होंने यात्रा की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और आग्रह किया कि इस शीतकालीन यात्रा को हर वर्ष इसी प्रकार आयोजित किया जाए। यात्रा पर आए श्रद्धालु बिहार के रहने वाले कुमार जॉनसन ने कहा कि ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में उपलब्ध सुव्यवस्थित सुविधाओं और सौहार्दपूर्ण वातावरण से अत्यंत संतुष्ट है राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा मंदिर में बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है इसके साथ ही दिल्ली से आई देवांसी पोखरियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने शीतकालीन यात्रा सुरु करके अच्छी पहल की है अब 12 माह भगवान शिव के दर्शन उनके धाम में किये जा सकते है। जयपुर से आये नीरज और केसव ने कहा कि यात्रा के दौरान उन्हें बहुत अच्छी व्यवस्था ओम्कारेश्वर मंदिर में मिली इन अच्छी यादों के साथ अपने ग्रह राज्य वापस जा रहे है। उन्होंने कहा कि न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान हो रहा है,बल्कि उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन को भी एक नई दिशा यात्रा से मिल रही है वही मंदिर के मुख्य पुजारी श्री केदारनाथ मंदिर शिव शंकर लिंग ने बताया कि अब तक ओंकारेश्वर मंदिर में 8784 तीर्थ यात्रियों ने भगवान शिव के दर्शन कर लिए है उन्होंने कहा कि यात्रा पर आए यात्रियों की अच्छी व्यवस्था की गई है उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार भी व्यक्त किया कि उनकी पहल से ही शीतकालीन यात्रा को नया आयाम मिल सका है।