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प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,उत्तराखंड (एनआईटीयूके) शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से सीधी प्रवेश प्रक्रिया के तहत तीन नए कार्यक्रम-गणित में एमएससी,भौतिकी में एमएससी,और रसायन विज्ञान में एमएससी प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने उक्त जानकारी साझा करते हुए बताया कि एमएससी प्रोग्राम शुरू करने के लिए बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स ने इस साल के शुरुआत में ही सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। उसके बाद प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए शिक्षा मंत्रालय,भारत सरकार को भेजा गया था। वहां से भी मंजूरी मिल गयी है और अब संस्थान अगले शैक्षणिक सत्र से भौतिकी,रसायन और गणित विषयों में एमएससी कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि भौतिकी,रसायन और गणित प्रत्येक विभाग में 20 छात्रों के साथ प्रवेश कुल 60 छात्रों के प्रवेश कुल मिलकर 80 सीटों के लिए होगा।

प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि प्रोग्राम के पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शैक्षिक नीति (एनईपी) के अनुसार तैयार किया गया है और प्रोग्राम के दौरान छात्रों को अनुसंधान और शिक्षण में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्व प्रायोजित और गैरआवासीय योजना के अंतर्गत संचालित इन कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी(CUET), जैम (JAM) या अन्य किसी प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण करना अनिवार्य नहीं है। प्रवेश के लिए संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा,हालांकि सीयूईटी(CUET) और जैम (JAM) की परीक्षा उत्तीर्ण छात्रों को लिखित परीक्षा से छूट दी जाएगी और उन्हें सीधे स्नातकोत्तर प्रोग्राम में प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि प्रवेश एवं प्रोग्राम से सम्बंधित अन्य सभी जानकारियों का विस्तृत विवरण शीघ्र ही संस्थान कि वेबसाइट www.nituk.ac.in पर उपलब्ध करा दी जायेगी।
गौर करने वाली बात यह है कि 2010 एनआईटी खुलने के बावजूद अभी तक यहां पर बेसिक साइंसेज में एमएससी कार्यक्रम नहीं था। जबकि इसके समकालीन अन्य कई एनआईटी में यह कार्यक्रम काफी पहले शुरू हो चुका है। प्रोफेसर अवस्थी ने 2022 यहां निदेशक का कार्यभार संभालने के बाद से ही इस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया था। अंततः उनका प्रयास सफल हुआ और चौदह सालों बाद एनआईटीयूके में एमएससी प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है।
एनआईटी की डीन अकादमिक डॉ.जाग्रति सहरिया ने बताया कि एमएससी कार्यक्रम में प्रवेश के लिए मध्य जुलाई में लिखित परीक्षा कराने और सितम्बर से कक्षाएं शुरू करने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा यह कार्यक्रम दो शैक्षणिक वर्षों (4 सेमेस्टर) की अवधि का होगा जिसमें छात्रों को कुल 60 क्रेडिट अर्जित करने होंगे। इसके लिए छात्रों को विभागीय अनिवार्य एवं ऐच्छिक पाठ्यक्रम के अतिरिक्त अपनी रुचि के मुताबिक ऐच्छिक विषयों को चुनने का विकल्प होगा और अंतिम सेमेस्टर में टर्म प्रोजेक्ट पर करना होगा।

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