संस्कृत ग्राम डिम्मर की दिशा में बड़ा कदम:डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल के प्रयास रंग लाए
प्रदीप कुमार
गोपेश्वर/श्रीनगर गढ़वाल।सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल के सतत प्रयास से ऐतिहासिक गांव डिम्मर विधिवत रूप से संस्कृत ग्राम बन गया है,इस संदर्भ में बकायदा प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षक की नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी होते ही पूरे गांव में हर्ष की लहर दौड़ गई है।विदित है,कि सहायक निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल अपने स्तर से संस्कृत शिक्षा को मुकाम तक पहुंचाने के लिए निरंतर चौतरफ़ा प्रयास कर रहे हैं,उनके द्वारा जहां एक तरफ पहली बार संस्कृत को एक साथ बेसिक से उच्च शिक्षा की तरफ ले जाने का धरातल पर प्रयास किया जा रहा है,तो दूसरी तरफ चमोली जनपद के ऐतिहासिक ग्राम डिम्मर को संस्कृत ग्राम बनाकर शासन स्तर से प्रशिक्षक के लिए विज्ञप्ति जारी करवा कर उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की है।संपर्क करने पर इसकी पुष्टि करते हुए सहायक निदेशक ने कहा कि अप्रैल 2023 में उन्होंने जिला प्रशासन एवं ग्रामीणों के साथ बाकायदा डिम्मर गांव में पहुंचकर सामूहिक बैठक करके यह निर्णय लिया था,जिस पर अब शासन से मुहर लग गई है, और एक प्रशिक्षक को उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की तरफ से नियुक्त करने के लिए 2 मार्च को साक्षात्कार भी रख दिया गया है, उन्होंने कहा इसके बाद गांव में एक संस्कृत माध्यम का प्राथमिक विद्यालय भी खुलेगा उससे संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के साथ रोजगार का भी सृजन होगा।डिमरी पंचायत सहित तमाम शिक्षा और संस्कृत शिक्षा से जुड़े लोगों ने इस बड़ी उपलब्धि के लिए सहायक निदेशक का धन्यवाद अदा करते हुए तारीफ की है।