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कुंभ में रघुनाथ कीर्ति परिसर के छात्रों ने लिया भाग

प्रदीप कुमार
देवप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल।केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय,रघुनाथ कीर्ति परिसर के छात्रों ने प्रयागराज में चल रहे कुंभ के आयोजन में विभिन्न कार्यक्रमों में सहभागिता निभायी। परिसर के अध्यापकों ने भी बौद्धिक विमर्श में भाग लिया। छात्रों के आवागमन के लिए परिसर की ओर से विशेष व्यवस्था की गयी थी।विश्वविद्यालय के सभी 12 परिसरों के छात्रों ने प्रयागराज में कुंभ स्नान किया।केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.श्रीनिवास वरखेड़ी की विचार योजना पर क्रियान्वयन करते हुए विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण प्रकोष्ठ की ओर से सभी परिसरों के छात्रों को प्रयागराज में महाकुंभ में भागीदारी के लिए दिशा-निर्देश दिये गये थे। रघुनाथ कीर्ति परिसर की ओर से छात्रों की दो टीमों और अध्यापकों की एक टीम ने अलग-अलग समय पर कुंभ में भाग लिया। पहली टीम में 50 तथा दूसरी में 31 छात्र शामिल रहे। पहली टीम ने प्रयागराज में कुंभ में सहभागिता करते हुए परंपरा तथा संस्कृति को समझा।दूसरी टीम ने 6 से 9 फरवरी तक आयोजित ज्ञान कुंभ में भाग लिया।

यह आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार,संस्कृत शिक्षा उत्थान न्यास और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से किया गया था,जबकि आचार्य सम्मेलन’में परिसर के अध्यापकों डॉ.सुरेश शर्मा तथा डॉ.अमंद मिश्र ने भाग लिया।छात्रों के दल का मार्गदर्शन प्राध्यापक डॉ.सुधांशु वर्मा,अंकुर वत्स,डॉ.सुमन रावत तथा जनार्दन सुवेदी ने किया।अंकुर वत्स ने बताया कि छात्रों ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज से भेंट की।उन्होंने छात्रों की अनेक जिज्ञासाओं को शांत किया। इस दौरान छात्रों ने संस्कृत के उत्थान में संस्कृत विश्वविद्यालयों की भृमिका’विषय पर जगन्नाथ पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज से विवेक,धर्म इत्यादि विषयों पर प्रश्न किये।प्राध्यापक अंकुर वत्स ने वर्णाश्रम व्यवस्था पर निश्छलानंद महाराज से प्रश्न किये। कुंभ में गये छात्रों कीर्ति बड़ोदिया,पूजा नेगी,माधुरी,हिमांशु पांडेय तथा विमलेश आदि ने बताया कि परिसर की ओर से की गयी व्यवस्था बहुत सुंदर थी। इस धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा का उनके मन पर बहुत बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।रघुनाथ कीर्ति परिसर के निदेशक प्रो.पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने बताया कि प्रयागराज में आयोजित कुंभ में रघुनाथ कीर्ति परिसर के अनेक छात्रों ने भागीदारी कर पुण्य कमाने के साथ ही विभिन्न कार्यों में परिसर का प्रतिनिधित्व किया। कुंभ में भागीदारी कर आये छात्रों का अनुभव बहुत अच्छा रहा।विश्वविद्यालय मुख्यालय का यह प्रकल्प छात्रों के बौद्धिक और सामाजिक विकास में महत्त्वपूर्ण साबित होगा।

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