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बंजर भूमि को औषधीय पौधों की खेती से हरा-भरा बनाने पर कार्यशाला का आयोजन

प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के उच्च शिखरीय पादप कार्यिकी शोध केंद्र (हैप्रेक) क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र (उतरी क्षेत्र 1) राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड,आयुष मंत्रालय,जोगिंदर नगर,हिमाचल प्रदेश और उद्योगिनी संस्था के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती,मूल्य संवर्धन एवं बाजार एकीकरण विषय पर दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। शिविर में घेस,बलांण,कनोल,सीतेल सहित विभिन्न स्थानों से पहुंचे 100 से अधिक काश्तकारों ने जड़ी-बूटी के कृषिकरण एवं उसके बाजारीकरण के बारे में जानकारी जुटाई। हैप्रेक संस्थान के प्रो.केके नंदा सभागार में शुरू हुई कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय (भरसार) के उद्यान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. एके जोशी ने कहा कि तेजी के साथ खेत बंजर हो रहे हैं।बंजर भूमि पर संगध या औषधीय पौधों की खेती की जा सकती है। कहा कि सगन्ध व औषधीय पादपों की 170 से अधिक प्रजातियां है,जिन्हें लगाकर भूमि को हरा भरा करने के साथ आजीविका भी सृजित हो सकती है।

विशिष्ट अतिथि जिला उद्यान अधिकारी राजेश तिवाडी ने सरकार की ओर से संचालित योजनाओं के बारे में बताया। कहा कि सरकार की किसानों के जिए तमाम योजनाएं तो चला रहीं है,लेकिन काश्तकार कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है।बताया कि काश्तकारों को जागरूक होकर योजनाओं का लाभ लेना होगा। कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े आरसीएफसी एनएमपीबी,आयुष मंत्रालय,जोगिंदर नगर,हिमाचल प्रदेश के निदेशक डा.अरूण चंदन ने कहा कि हिमाचल और उत्तराखंड दोनों राज्य ही जड़ी-बूटी के कृषिकरण एवं संरक्षण के लिए बहुत महत्वपूर्ण जगह है। कहा कि यहां उगने वाले औषधीय पौधे पूरे विश्व में कहीं नहीं पाये जाते।कहा कि हाल ही में कृषि मंत्रालय और आयुष मंत्रालय की सुंयक्त बैठक में जड़ी-बूटी की खेती को राष्ट्रीय स्तर पर शामिल कर दिया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो.जेएस चौहान ने काश्तकारों से उद्यमशील बनने को कहा। कार्यशाला में साथ हैप्रेक कें निदेशक डा.विजयकांत पुरोहित ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा अंत में कार्यशाला की समन्वयक डा.बबीता पाटनी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर प्रो.एमसी सती,एनके गुप्ता आरसीएफसी से मिनाक्षी ठाकुर,अविका शुभा,डा.विजयलक्ष्मी,डा.जेएस बुटोला,डा.टीएस बिष्ट,डा.लक्ष्मण कंडारी,डा.सुदीप सेमवाल के साथ ही उद्योगिनी संस्था के निदेशक शिवम पंत,ब्लॉक संयोजक मनीष पंवार सहित आदि मौजूद थे।

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