विधायक विनोद कंडारी ने केंद्रीय वन मंत्री से की मुलाकात वन अधिनियम में संशोधन की मांग की।
प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल।देवप्रयाग से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विनोद कंडारी ने आज दिल्ली में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर अपने विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास परियोजनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान विधायक कंडारी ने वन अधिनियम के चलते लंबित पड़ी कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दिलाने के लिए केंद्रीय मंत्री को एक मांग पत्र सौंपा। उन्होंने विशेष रूप से उन मार्गों का उल्लेख किया,जिनका निर्माण वन अधिनियम की सख्त शर्तों के कारण अटका हुआ है,जिससे क्षेत्र की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।विधानसभा क्षेत्र में लंबित सड़क परियोजनाओं को लेकर उठाई आवाज,विधायक कंडारी ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि वन अधिनियम के तहत आ रही बाधाओं को दूर किया जाए ताकि उनके विधानसभा क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने चुन्नीखाल-नौड़ा-तेगड मोटर मार्ग,चौरिखाल-सिरवाड़ी-कांडा मोटर मार्ग,चन्द्रबदनी-कांडीखाल मोटर मार्गों को मंजूरी दिलाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि ये सड़कें न केवल स्थानीय लोगों के आवागमन के लिए महत्वपूर्ण हैं,बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देंगी और क्षेत्र की आर्थिक प्रगति में सहायक सिद्ध होंगी।वन अधिनियम में संशोधन की मांग,इस मुलाकात के दौरान विधायक कंडारी ने वन संरक्षण अधिनियम,1980 में संशोधन या उसमें शिथिलता प्रदान करने की भी मांग उठाई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में वन अधिनियम के सख्त नियमों के कारण विकास कार्यों में अत्यधिक कठिनाइयाँ आती हैं। सड़क निर्माण,पुलों का निर्माण,पर्यटन स्थलों के विकास और अन्य आधारभूत संरचना संबंधी परियोजनाएँ वन भूमि से संबंधित अनुमति मिलने में होने वाली देरी के कारण अधर में लटक जाती हैं।उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि उत्तराखंड की भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वन अधिनियम में आवश्यक संशोधन किया जाए,ताकि विकास की गति तेज हो सके।उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि अगर नियमों में थोड़ी शिथिलता दी जाए,तो राज्य में अधर में लटकी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किया जा सकता है, जिससे स्थानीय जनता को सीधा लाभ मिलेगा।पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा,विधायक कंडारी ने यह भी उल्लेख किया कि यदि इन सड़कों को मंजूरी मिलती है,तो यह न केवल स्थानीय निवासियों के लिए यातायात सुविधा को बेहतर बनाएगा बल्कि क्षेत्र में पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी।देवप्रयाग और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल स्थित हैं,लेकिन सड़क सुविधाओं की कमी के कारण इन स्थलों तक पर्यटकों की पहुँच सीमित रहती है। यदि सड़कों का निर्माण सुचारू रूप से होता है,तो इससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे।विकास के लिए केंद्र से मजबूत सहयोग की उम्मीद,केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने विधायक कंडारी की मांगों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि इन मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए संकल्पबद्ध है और इस संबंध में उचित कदम उठाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जल्द जारी किए जा सकते हैं।जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास,विधायक विनोद कंडारी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को बेहतर सड़क,परिवहन और आधारभूत संरचनाओं की सुविधाएँ उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि वे लगातार केंद्र और राज्य सरकार के समक्ष अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं को लेकर प्रयासरत हैं और भविष्य में भी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास जारी रखेंगे।