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HNBGU में शॉर्ट फिल्म “तलाश” की भव्य स्क्रीनिंग गढ़वाली संस्कृति और दृश्यात्मक कहानी कहने की शैली को मिली सराहना

प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल।हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (HNBGU) के एसीएल हॉल में सिनेक्स फिल्म निर्माण समिति द्वारा निर्मित शॉर्ट फिल्म “तलाश” की भव्य स्क्रीनिंग आयोजित की गई। यह फिल्म गढ़वाली संस्कृति की पृष्ठभूमि में एक युवती की भावनात्मक यात्रा को दर्शाती है और अपने सशक्त दृश्यात्मक कहानी कहने के माध्यम से दर्शकों को गहरे अनुभव से जोड़ती है।


कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रमुख छात्र नेता रहे मौजूद
इस विशेष अवसर पर एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष जसवंत सिंह राणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ उपसचिव अमन कला, रोबिन असवाल, आंचल राणा, अभिनव बहुगुणा और हिमांशु भंडारी भी इस आयोजन का हिस्सा बने।छात्र प्रतिनिधियों और विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य सदस्यों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया।
गढ़वाली संस्कृति और सामाजिक मुद्दों का प्रभावशाली चित्रण
“तलाश” की सबसे बड़ी विशेषता इसकी दृश्यात्मक कहानी कहने की शैली है,जो संवादों की बजाय भावनाओं,प्रतीकों और खूबसूरत दृश्यों के माध्यम से अपनी कथा को आगे बढ़ाती है।इस फिल्म में प्राकृतिक दृश्यों,पारंपरिक रीति-रिवाजों और स्थानीय संगीत का बेहतरीन संयोजन देखने को मिलता है,जो गढ़वाली संस्कृति की सुंदरता को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करता है।फिल्म केवल एक मनोरंजन माध्यम नहीं है,बल्कि यह समाज में गहराई से जुड़े मुद्दों को उजागर करने का भी एक सशक्त प्रयास है। यह कहानी एक युवती की आत्म-खोज की यात्रा को प्रस्तुत करती है,जो उसकी आंतरिक संवेदनाओं और सामाजिक परिस्थितियों के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश को दर्शाती है।
दर्शकों की शानदार प्रतिक्रिया और फिल्म की छायांकन कला की सराहना
फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान दर्शकों ने इसकी छायांकन कला,दृश्य-परिकल्पना और संवेदनशील विषयवस्तु की सराहना की। स्थानीय परिवेश की प्रामाणिकता और गहराई से जुड़े मानवीय पहलुओं को जिस तरह से फिल्म में चित्रित किया गया,उसने सभी को प्रभावित किया। विशेष रूप से फिल्म का पृष्ठभूमि संगीत और प्राकृतिक वातावरण में फिल्माए गए जीवंत दृश्यों ने दर्शकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान किया।
सिनेक्स फिल्म निर्माण समिति की सराहनीय पहल
सिनेक्स फिल्म निर्माण समिति की यह पहल न केवल गढ़वाली संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है,बल्कि दृश्यात्मक कहानी कहने के माध्यम से समाज में संवाद स्थापित करने का एक प्रभावशाली माध्यम भी बन रही है। यह प्रयास विश्वविद्यालय के उन युवाओं की रचनात्मकता को भी दर्शाता है,जो अपनी जड़ों से जुड़कर,आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए प्रभावशाली फिल्में बनाने में रुचि रखते हैं।

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