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भाजपा सरकार के मंत्रियों के खिलाफ बड रहा जनता का आक्रोश

प्रदीप कुमार
पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल।विधानसभा और उसके बाहर भाजपा सरकार के मंत्रियों की बयानबाजी भाजपा के लिए सरदर्द बन चुकी है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर पौड़ी बचाओ संघर्ष समिति भी लगातार मुखर नजर आई है।पौड़ी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक नमन चंदोला ने प्रेस नोट जारी करते हुए भाजपा सरकार में विधानसभा अध्यक्ष सहित कैबिनेट मंत्रियों और राज्यसभा सांसद व प्रदेश अध्यक्ष पर तीखे आरोप लगाए हैं।आरोप लगाते हुए चंदोला ने कहा कि भाजपा सरकार में जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं की मंशा से स्पष्ट है कि वे पहाड़ी क्षेत्रों को तरजीह नहीं देना चाहते।कहा कि विधानसभा के अंदर विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खंडूड़ी द्वारा पहाड़ियों की बात रखने वाले विधायक को डांटना व सदन से बाहर भेजना निंदनीय कृत्य था साथ ही प्रेम चन्द अग्रवाल की गाली गलौज के बावजूद उन्हें मंत्रीमंडल में बनाए रखना भाजपा सरकार की मंशा को जाहिर करता है। चंदोला ने कहा कि इसके अतिरिक्त सुबोध उनियाल का खुद को बिहारी कहना व महेंद्र भट्ट का आंदोलनकारियों को सड़कछाप कहना शर्मनाक कृत्य है इसके लिए इन्हें माफी मांगनी चाहिए। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को आड़े हाथों लेते हुए चंदोला ने कहा कि अगर सुबोध उनियाल को लगता है कि वह बिहार से आए हैं तो उन्हें तत्काल प्रभाव से अपनी विधायकी और मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और बिहार जाकर राजनीति करनी चाहिए।उन्होंने अफसोस जताया कि जनता ने जिन्हें चुनकर भेजा था ताकि वह पहाड़ की बात को बुलंदी के साथ सदन में रख सके लेकिन जो व्यक्ति खुद को बिहार का कह रहा हो उससे पहाड़ियों की हक की आवाज को बुलंदी से उठाने की बात सुनना बेमानी ही होगी। पौड़ी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक ने राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को भी अपनी जुबान पर लगाम लगाने की नसीहत दे डाली उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति आंदोलनकारियों का हमेशा से अपमान करता रहा हो उससे उत्तराखंड के और पहाड़ों के विकास की उम्मीद रखना मूर्खतापूर्ण होगा। चंदोला ने इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खामोशी को भी कटघरे में खड़ा किया और कहा कि पुष्कर सिंह धामी को ऐसे मंत्रियों को तथा ऐसी विधानसभा अध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से हटा देना चाहिए ताकि उत्तराखंड के अंदर अच्छा संदेश जाए लेकिन खुद को धाकड़ धामी कहने वाले आज धाकड़ होने के बजाय बिलों में दुबके नजर आ रहे हैं।कहा की जनता यह सब देख रही है और आने वाले समय में अगर पहाड़ विरोधी और घटिया बयानबाजी करने वाले नेताओं के ऊपर कार्यवाही नहीं होती तो जनता इसका जवाब जरूर देगी।

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