श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में निर्माण कार्यों की धीमी गति पर चिकित्सा निदेशक ने जताई नाराजगी
प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक एवं श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.आशुतोष सयाना ने मेडिकल कॉलेज में चल रहे निर्माण कार्यो से लेकर मरम्मत कार्यो का रविवार को सुबह-सुबह जायजा लिया।जिसमें उन्होंने पाया कि निर्माण कार्यो में तेजी नहीं जा रही है,जबकि कम मजदूर रखकर कार्य करवाया जा रहा है। जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधी कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग के अवर अभियंताओं को तेजी लाने के निर्देश दिये। कहा कि यदि कार्यप्रणाली नहीं बदली गई तो प्रदेश में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत को संबंधी विभागों की रिपोर्ट तलब की जायेगी।
निरीक्षण के बाद सभी निर्माण संबंधी विभागों की बैठक लेते हुए चिकित्सा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि हॉस्टलों के मरम्मत संबंधी कार्य समय पर पूरे नहीं किये जा रहे है। जबकि नये हॉस्टलों के निर्माण में भी तेजी नहीं जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री के प्रयासों से श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के लिए प्राप्त बजट आ रहा है,किंतु कार्यदायी संस्था बजट लेने के बाद भी निर्माण कार्यो में तेजी नहीं जा रही है।उन्होंने मेडिकल कॉलेज के निर्माण के साथ ही नर्सिंग कॉलेज व अन्य निर्माण कार्यो की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी और एक हफ्ते के भीतर सभी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश विभागों को दिये। यहीं नहीं चिकित्सा निदेशक ने ग्रामीण निर्माण विभाग के अधीन होने वाले अन्य कार्यो के संदर्भ में कहा कि यदि कार्य समय पर नहीं करने है तो पहले की कार्य ना करने के लिए मना कर दे,ताकि अन्य विभाग से समय पर कार्यवाही करायी जा सके। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यो में किसी भी कीमत पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।बिल्डिंगों की छत पर ड्रिल ना करे अन्य विभाग-चिकित्सा निदेशक ने कहा कि बेस अस्पताल की छतों पर सोलर प्लांट लगाने वाले विभाग ने ड्रिल की गई,जिससे बारिश होने पर पानी का रिसाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोई अन्य विभाग कार्य करता है,तो वह बिल्डिंगों पर ड्रिल ना करे। जिससे अस्पताल की बिल्डिंगों को नुकसान ना हो। साथ ही उन्होंने अस्पताल में विद्युत संबंधी बैटरियों के लिए सुनिश्चित स्थान चयनित करने के निर्देश विद्युत विभाग को दिये तथा एक फायर ऑडिट करने के निर्देश दिये।