स्वास्थ्य विभाग द्वारा हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में विश्व टीबी दिवस पर जागरूकता रैली और गोष्ठी आयोजित
प्रदीप कुमार
पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल।दिनांक-24 मार्च 2025
आज राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व टीवी दिवस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास परिसर में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.ओ.पी.गुसाईं की अध्यक्षता में जनजागरुकता रैली और गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान वेबिनार के माध्यम से देश के अन्य कॉलेजों से विशेषज्ञों तथा शोधार्थियों द्वारा टी.बी.उन्मूलन को लेकर विभिन्न चुनौतियों पर अपने विचार रखे गए। जिला क्षय रोग अधिकारी पौड़ी डाॅ.रमेश कुवंर द्वारा जानकारी देते हुये बताया गया कि टी.बी.एक संक्रामक रोग है जो कि माइक्रोबेक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु से फैलता है जो कि सबसे अधिक फेफड़ों को प्रभावित करता है जनपद स्तर पर टी.बी.उन्मूलन हेतु विभागीय प्रयास निरंतर जारी हैं जिसमें आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में टी.बी.संभावित व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जाती है
इसके साथ ही 100 दिवसीय प्रधानमंत्री टी.बी.मुक्त भारत अभियान के तहत भी जनपद में टी.बी.संभावित लोगों की स्क्रीनिंग की गई हैं। इसके साथ ही जनपद में 472 निक्षय मित्रों के द्वारा टीबी मरीजों को पोषण किट वितरित की जा रहीं हैं।उन्होंने कहा कि यदि दो सप्ताह से अधिक खांसी हो,लम्बे समय से भूख न लग रही हो,छाती में दर्द रहता हो निरन्तर बुखार रहे,शरीर का वजन निरन्तर घट रहा हो,बलगम में खून आने की शिकायत हो तो यह टी.बी.के लक्षण हो सकते हैं जिसके लिए सम्बन्धित व्यक्ति अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर बलगम की जांच निःशुल्क करा सकता है उनके द्वारा बताया गया कि टी.बी.का संपूर्ण उपचार डा्टस पद्धति से संभव है सामान्यतः क्षय रोगी का उपचार 6 माह तक चलता है,6 माह के टीबी उपचार के दौरान मरीज को पोषण की अधिक आवश्यकता होती है। एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों में टी.बी.होने की अधिक संभावना होती है यदि मरीज बीच में दवा छोड दे तो बीमारी गंभीर हो जाती है इसलिए टी.बी.के रोगियों को अपनी दवायें निरन्तर लेकर कोर्स पूर्ण करना अनिवार्य है। निक्षय पोषण योजना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये उनके द्वारा बताया गया कि वर्तमान में जनपद में टी.बी.के कुल 892 एक्टिव केस हैं जिनका उपचार चल रहा है,इसके अंतर्गत टी.बी.रोगी को विभाग की ओर से प्रतिमाह1000रु.पोषण भत्ता दिया जाता है साथ ही रोगी को पूर्ण कोर्स की दवा खिलाने पर 500 से 1000 रु.की प्रोत्साहन राशि दी जाती है,टी.बी.रोगी को दवा खिलाने का कार्य आशा ए.एन.एम.या प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा किया जाता है। उनके द्वारा कहा गया कि,किसी भी कार्यक्रम का सफल क्रियान्वयन बिना जनसहभागिता के संभव नही है इसलिए देश को टीवी मुक्त करने हेतु जनसहयोग एवं जनजागरुकता अति आवश्यक है। कार्यक्रम में टी.बी.उन्मूलन हेतु छात्र छात्राओं को शपथ भी दिलाई गई। इस मौके पर माइक्रोबायोलॉजी विभाग से डाॅ.प्रभा तिवारी,डॉ.धनंजय कुमार,डॉ.प्रशांत आर्य,डॉ.रुचि डोभाल शकुंतला नेगी,दामोदर ममगाईं,सुबोध खुगशाल व विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।