Spread the love

ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने व चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ से रवाना होने की प्रक्रिया कल से शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू होगी। कपाट खोलने की प्रक्रिया के शुभारंभ अवसर पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा भगवान मदमहेश्वर को नये अनाज का भोग अर्पित कर विश्व समृद्धि व आगामी ग्रीष्मकालीन यात्रा के निर्विघ्न सम्पन्न होने की कामना की जायेगी। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि आगामी 18 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर से कैलाश के लिए रवाना होगी तथा विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए 20 मई को मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी तथा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं व विधि-विधान से ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें! जानकारी देते हुए ओकारेश्वर मन्दिर प्रभारी रमेश नेगी ने बताया कि गुरूवार को भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में ब्रह्म बेला पर नित्य पूजा कर भगवान मदमहेश्वर भगवान ओंकारेश्वर सहित तैतीस कोटि देवी-देवताओं का आवाहन किया जायेगा तथा विद्वान आचार्यों द्वारा दान सहित अन्य धार्मिक परम्पराओं का निर्वहन किया जायेगा तथा शुभ लग्नानुसार भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को ओंकारेश्वर मन्दिर के गर्भ गृह से सभा मण्डप में विराजमान किया जायेगा। उन्होंने ने बताया कि भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों के सभा मण्डप में विराजमान होने के बाद पुनःभगवान मदमहेश्वर की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जायेगी तथा ग्रामीणों द्वारा नये अनाज का भोग अर्पित कर विश्व समृद्धि,क्षेत्र के खुशहाली तथा आगामी ग्रीष्मकालीन यात्रा के निर्विघ्न सम्पन्न होने की कामना की जायेगी। बताया कि आगामी 18 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम के लिए रवाना होगी तथा विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि 19 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रासी से रवाना होकर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गाँव पहुंचेगी तथा 20 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp