Spread the love

जिलाधिकारी ने ली वनाग्नि रोकथाम की बैठक

प्रदीप कुमार
पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल।वनाग्नि रोकथाम के लिए जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान ने एनआईसी कक्ष में विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों व वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को वनाग्नि के प्रति जन जागरूकता के लिए अधिक से अधिक लोगों को शपथ दिलाने के निर्देश दिये हैं।बुधवार को आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कृषि विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि जिन क्षेत्रों में गेहूं की कटाई हो रही है और वह उसके बाद अपने खेतों की सफाई के दौरान आड़ा एकत्रित करने के बाद उसे जला देते हैं,संबंधित क्षेत्रों का सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कहा कि ग्रामीणों को 15 अप्रैल से पहले व अपने सामने आड़ा जलाने के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में तापमान को देखते हुए यह आड़ा फूंकने के लिए सबसे उपयुक्त समय है,क्योंकि 15 अप्रैल के बाद तापमान बढ़ने के साथ ही मौसम शुष्क होने लगता है,जिससे आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को भी निर्देश दिये कि ग्रामीणों द्वारा खेतों में जलाने वाले आड़े को लेकर कृषि विभाग से प्लानिंग तैयार करवाएं और उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी कहा कि सभी अधिकारियों को अभी से अलर्ट मोड में रखना सुनिश्चित करें।जिलाधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारी व क्षेत्रीय वन अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रामीणों को वनाग्नि रोकथाम के लिए शपथ के साथ-साथ गोष्ठी का आयोजन करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जन जागरूकता के लिए शिथिलता बरती जाएगी तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि समस्त उपजिलाधिकारी व वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी हर सप्ताह अपने स्तर से वनाग्नि रोकथाम के लिए ग्रामीणों व संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करना सुनिश्चित करें। वहीं उन्होंने डीएफओ को निर्देश दिये कि वनाग्नि रोकथाम के लिए फायर वॉचरों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएं।जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को वनाग्नि रोकथाम के दौरान कोई कर्मी या ग्रामीण घायल होता है तो उसके लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था करने के साथ ही हैलीपेड स्थलों को चिन्हित करें। उन्होंने वन विभाग को अग्निशमन विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये,ताकि वनाग्नि की सूचना मिलने पर तत्काल काबू पाया जा सके। कहा कि वनाग्नि घटना की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई के लिए जनपद स्तरीय संयुक्त कार्यबल का गठन किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि घटनाओं की सूचना देने के लिए जनता,विभागीय अधिकारी व कर्मचारी टोल फ्री नंबर 1926 पर संपर्क करें। कहा कि वनाग्नि की घटनाओं के प्रति जागरूक करने के लिए एनआईसी के माध्यम से पोर्टल तैयार किया जाए,जिसमें नागरिक जंगलों की सुरक्षा का संकल्प लेकर संकल्प पत्र अपलोड करें।जिलाधिकारी ने कहा कि पिरूल एकत्रित करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। कहा कि जिन क्षेत्रों में अत्यधिक मात्रा में पिरूल फैला हुआ है उन क्षेत्रों से पिरूल को एकत्रित किया जाएगा और इच्छुक फर्म पिरूल को निर्धारित मूल्य पर खरीद सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि शासन द्वारा पिरूल एकत्रित करने के लिए मिलने वाली राशि 3 रूपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 10 रूपये कर दी गई है। कहा कि क्षेत्रीय लोगों के लिए यह काफी लाभदायक होगा।कहा कि स्थानीय समूह व्यापक स्तर पर पिरूल एकत्रित करने का कार्य कर सकती है,जिससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।बैठक में डीएफओ गढ़वाल स्वप्निल अनिरूद्व,अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल,मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.पारूल गोयल,मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार उपाध्याय सहित अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp