प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। प्रकृति के सुकुमार कवि’ पद्मभूषण सुमित्रानंदन पंत के जन्मदिवस के अवसर पर हिंदी विभाग,हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.नवीन चन्द्र लोहानी ने बतौर मुख्य अतिथि सुमित्रा नंदन पन्त के जीवन और रचनाधर्मिता पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मेरी और पन्त की जन्मभूमि एक ही है,सुमित्रानंदन पंत अलग-अलग भावभूमि में कविता लिखते थे जिसे हर दिन प्रकृति में महसूस किया जा सकता है। इस अवसर पर कला संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो.मंजुला राणा ने कहा कि पंत उत्तराखंड के गौरव है,कवि पंत समकालीन नहीं समकाल के कवि है जिन्हें हर युग में आत्मसात किया जा सकता है। वहीं हिंदी एवं भारतीय भाषा विभाग की संयोजक एवं अध्यक्ष प्रो.गुड्डी बिष्ट पंवार ने कहा कि सुमित्रा नंदन पंत ने प्रकृति को मां की तरह माना है और वे अपने प्रेम और ममत्व के समन्वय के कवि है। इस अवसर पर शोधार्थी चैतन्य कुकरेती,राकेश ने भी पंत के जीवन पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का समापन डॉ.अनूप सेमवाल ने धन्यवाद प्रेषित कर किया। इस अवसर पर डॉ.रोहित कुमार,डॉ.कपिल पंवार,डॉ.सविता मैठाणी समेत हिंदी विभाग के सभी शोधार्थी आकाशदीप,रेशमा पंवार,नवीन,आनन्द,आशीष आदि छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। गोष्ठी में संचालन शोधार्थी रेशमा पंवार ने किया।