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प्रदीप कुमार
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल को बुद्धिजीवियों की राष्ट्रीय कांफ्रेंस में उत्तराखंड से स्थान दिया गया है। राजधानी देहरादून के डीएवी डिग्री कॉलेज के ओएनजीसी ऑडिटोरियम में आज से भारतीय ज्ञान परंपरा पर राष्ट्रीय गोष्ठी प्रारंभ हो गई है,गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.सुरेखा डंगवाल ने कहा कि उत्तराखंड ज्ञान की धरती है और उस पर भारतीय ज्ञान परंपरा पर राष्ट्रीय कांफ्रेंस होना बहुत गौरव का विषय है। विज्ञान धाम यू कास्ट के महानिदेशक प्रो.दुर्गेश पंत ने कहा कि भारतीय ज्ञान की परंपरा अति प्राचीन है इसलिए हमारे वेद और शास्त्रों का वैज्ञानिक आधार है,ज्योतिष के आधार पर जो भविष्यवाणी होती है वह पूर्ण रूप से वैज्ञानिक आधार लिए हुए हैं,इस प्रकार के प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा का संरक्षण बहुत आवश्यक है। सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा आचार्य डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि भारतीय ज्ञान के मूल में वेदों और शास्त्रों का ज्ञान है, और उससे ही विज्ञान का उद्भव हुआ है,इसलिए हमें उन प्राचीन परंपराओं का संरक्षण करना होगा तब ही देश विश्व गुरु बन सकता है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री भगवती राघव,प्रो.सुनील कुमार प्रोफेसर सुनील कुमार,डॉ.जगदीश प्रसाद,डॉ.राखी उपाध्याय,प्रो.आई.पी.एस.नेगी, प्रो.अनुपम शर्मा सहित देश के विभिन्न राज्यों से विभिन्न विषयों के विद्वान प्रतिभाग कर रहे हैं,यह राष्ट्रीय कांफ्रेंस 24 और 25 में दो दिन तक चलेगी।

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