प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। देघाट सीएचसी में तैनात नर्सिंग अधिकारी शशि की सड़क दुर्घटना में मौत होने के बाद नर्सिंग भर्ती में तैनाती स्थान आबंटन को लेकर बवाल थमने का नाम नही ले रहा है। सभी नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों ने राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित कर तैनाती स्थान संसोधन की मांग की है। अल्मोड़ा के पास स्याल्दे में एक कार 150 मीटर गहरी खाई में गिर गई। इस घटना में डॉक्टर पति,स्टाफ नर्स पत्नी,आठ साल की बेटी की मौके पर ही मौत हो गई,जबकि 11 साल का बेटा घायल हो गया,जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। 1500 रिक्त पदों की उपलब्धता होने के बाद भी विभाग ने नर्सिंग अधिकारियों विशेषकर महिला नर्सिंग अधिकारियों को 400 से 500 कीलोमीटर दूर तैनाती दी है। इसमें सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि कैंसे नर्सिंग बेरोजगार संघ के सभी पदाधिकारियों को ब्लडबैंको में सुगम में तैनाती दी गयी है,साथ ही मंत्री की घोषणा के उलट जो कई वर्षो से विभाग में कार्यरत थे उन्हें दुर्गम में और जो फ्रैशर थे उनको सुगम में तैनात किया गया है। तैनाती स्थान आबंटन में किसी भी प्रकार के नियम न होने पर विभाग ने मनमाने तरीके से बिना मानकों का निर्धारण किये तैनाती स्थान आबंटित किये। अपने ही आदेश के उलट स्वास्थ्य विभाग ने तैनाती स्थान संसोधन के प्रत्यावेदन स्वीकार कर स्थानान्तरण अधिनियम की भी धज्जियां उड़ाई। इन सभी के बीच राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष ने भी ऐसे नर्सिंग अधिकारी जो अपने घरों से दूर दूसरे मंडल में तैनात हैं उनके दर्द को समझते हुये उन्हें गृह जनपद में नियुक्ति की मांग उठाई है। इससे पूर्व प्रधान टाइम्स,दि संडे पोस्ट सहित बहुत से समाचार पत्रों ने महिला नर्सिंग अधिकारियों को दूर तैनाती दिये जाने की खबरों और उनके मानवीय आधार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसी बीच घर से दूर तैनाती के कारण एक परिवार के तीन सदस्य जिसमें छोटा बच्चा भी शामिल है,काल ग्रसित हुआ है। जिस पर विभाग को महिलाओं के मानवीय आधार पर विचार करने की आवश्यकता है।