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प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। ऐतिहासिक धर्मनगरी श्रीनगर शहर के प्रतिष्ठित समाज सेवियों,पशु प्रेमियों द्वारा इस भीषण गर्मी में गौमाता व अन्य बेजुबान बेसहारा पशुओं की प्यास बुझा रहे हैं। भीषण गर्मी से पशु पक्षियों को राहत देने हेतु नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत दस स्थानों पर पानी के लिए प्लास्टिक टब लगाए गए हैं,गर्मी के मौसम में बेसहारा पशुओं की प्यास बुझाने के लिए परोपकारी लोग मानव सेवा के लिए क्या कुछ नहीं करते,हाईवे व सार्वजनिक स्थानों पर पानी के लिए प्लास्टिक बाल्टियां व ड्रम की व्यवस्था कर प्यास बुझाने का इंतजाम करते हैं,इस भीषण गर्मी के मौसम में आवारा बेसहारा पशुओं का ख्याल रखने के लिए शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी,समाजसेवी एवं पशु प्रेमी बने सहारा। श्रीनगर शहर में भीषण गर्मी की तपिश पढ़ने के कारण शहर के बेजुबान बेसहारा पशुओं को प्यास बुझाना के लिए शहर के पशुप्रेमियों द्वारा अर्थक प्रयास किए जा रहे हैं। क्षेत्र के जल स्रोत के सूखने से वन्यजीव भी पेयजल के लिए भटक रहे हैं,गर्मियों के मौसम में पशु पक्षियों को आसानी से पीने का पानी मिल सके इसके लिए छत में भी पानी की व्यवस्था करें,छायादार जगह बनाकर वहां पानी की बर्तन भर कर रखें,पक्षियों के लिए घर की छत पर गेहूं-चावल एवं अंकुरित दालों की व्यवस्था करें,पीने वाले पानी के जल स्रोतों को गंदा ना करें,इससे पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हो सकती है। इस वर्ष रिकार्ड तोडती गर्मी,जंगलों की धधकती आग,वन्य प्राणीयों को मुश्किल परिस्थिति में डाल रही है। वही वर्षा का न होना जल स्रोतों को सुखा रही है,ऐसे में चिल चिल्लाती धूप के कारण शहरों-गांवों के पशु भी अपनी प्यास कैसे बुझाये ऐसे में कुछ सामाजिक संगठनों की पहल के तहत श्रीनगर शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी समाजसेवी पशुप्रेमी गिरीश पैन्यूली,जितेन्द्र रावत,झाबर सिंह रावत,सुरेन्द्र चौहान,गणेश भट्ट,अनुप बहुगुणा,दिनेश रूडोला,हरि सिंह बिष्ट,सजय गुप्ता,पंकज सती,विजेन्द्र बिष्ट,यशीश रावत,आदि की पहल पर नगर निगम क्षेत्र के कही स्थानों पर बड़े ड्रमों को दो भागों में काटकर जानवरों के लिए जिम्मेदार सामाजिक व्यक्तियों की नेतृत्व में लगवाये गये है,ताकि गौमाता व अन्य बेजुबान बेसहारा पशु अपनी प्यास बुझा सके। पशुप्रेमियों ने स्थानीय लोगों से अनुरोध किया है कि उन प्लास्टिक टपों में बिसरा पशुओं हेतु पानी रोज डालें और गौमाता व बेजुबान बेसहारा पशुओं की सेवा कर पुण्य के भागी बने।

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