Spread the love

प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। जय शिव गोरख नाथ गढ़खालेश्वर महादेव मंदिर भटोली चलणस्यूं श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड जो आये श्रद्धा से वो ले जायें वरदान,यह मंन्दिर भगवान शिव के साथ गुरु गोरखनाथ को समर्पित है इसलिए इस मंदिर को शिव गोरखनाथ के नाम से जाना जाता है यह मंदिर श्रीनगर से 15-20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मंदिर ग्राम पंचायत भटोली के अंतर्गत गढ़खाल नामक स्थान पर स्थापित है इस जगह पर पूर्व से ही नाथबुद्ध भैरव का गढ़ माना जाता है,जहां से नाथबुद्ध भैरव चारों ओर दिखा करते हैं। उक्त स्थान से कुमराणू,मंन्दोली,सेम,सनखोली,मडाबाडी,नारायण खील,गहड,बसोलियो,जलेथा बलोडी,हरकन्डी,सरणा,मंसूड,खोला,स्वीत,श्रीकोट,घस्या महादेव श्रीनगर और खोला तक देखते हैं,इन गांवों में अभी भी भूमियाल नाद्ध बुद्ध भैरव जी है,इन गांव में भ्रमण के दौरान दूसरी गद्दी गहड में,तीसरी खोला में,चौथी स्वीत और पांचवीं श्रीकोट में है। नाद्ध भैरव की इन सभी गद्दीयो में सबसे ऊंची गद्दी गढ़खाल में है,12 भाई भैरव में नाथ बुद भैरव गुरु गोरखनाथ के सबसे प्रिय थे इसलिए गुरुजी के काफी निकट माने जाते हैं,जब गुरु गोरखनाथ श्रीनगर से कुछ समय एकांत में ध्यान करने के लिए गए तो उन्होंने श्रीनगर की जवाबदारी आनंद भैरों को दे दी और देवलगढ़ में जोगियों की गुफा पर बैठ ध्यान मग्न हो गये। गुरुजी की ध्यान में कोई विघ्न न डालें इसलिए गुफा की पहरवी कालनाथ भैरव करने लगे। कुछ समय प्रसाद गुरु गोरखनाथ ध्यान से बाहर आए और सत्यनाथ भैरव की अगुवाई में क्षैत्र भ्रमण का निर्णय लिया,और गुरु गोरखनाथ,नाथंबुद्ध भैरव के साथ देवलगढ़ से काडेखाल होते हुए भट्टीसेरा,सौड,लगाल्यूबगड,कफोली,खेडाखाल से गहडखाल पहुंचे,जहां गुरु गोरखनाथ जी की मंजी स्थापित है। भटोली में गुरु गोरखनाथ का मन्दिर का निर्माण पूर्व निर्धारित था,जिस जगह चोटी अर्थात धार में यह मंदिर बना है उस धार को भैरों धार के नाम से जाना जाता है इस जगह पर नाथ बुद्ध भैरव के साथ में पंचमुखी हनुमान,नागराज,मां दक्षिण कालिका,डोडिया नृसिंह,दुधि नर्सिंग,अनु भैरव,लल्वाण भैरव,माता संन्तोषी,विभिन्न एवं अलग-अलग मंदिर बने हुए हैं। भगवान शिव गोरखनाथ गढ़खालेश्वर महादेव मंदिर में प्रतिवर्ष मंदिर संचालक एवं महन्त जी के मार्गदर्शन में सभी भक्तों के सहयोग से दो बार भंडारा का आयोजन किया जाता है पहले फागुन मास की महाशिवरात्रि को जो भगवान शिव को समर्पित है तथा दूसरा बुद्ध पूर्णिमा को गुरु गोरखनाथ जी के जन्म उत्सव पर सभी भक्त खुशी मना कर उन्हें झंडा प्रदान करते हैं जिसमें सभी भक्त अपनी मनपसंद रंग का कपड़ा लाकर झण्डा पर बांध कर अपनी मन इच्छा एवं समस्या को गुरु जी के सम्मुख रख देते हैं,गुरु जी की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और गुरु पूर्णमासी पर गुरु गोरखनाथ को गुरु गोरक्षनाथ नाम पढ़ने एवं गुरु की उपाधि मिलने पर भव्य भंडारा एवं कीर्तन जागरण करवाया जाता है इस मंदिर पर आने को भक्तों की आस्था एवं विश्वास का केंद्र बनता जा रहा है इस मंदिर के माध्यम से कई भक्तों के द्वारा गौ सेवा कार्य,वृक्षारोपण कार्य,पर्यावरण एवं गंगा बचाओ अभियान जैसे कई धार्मिक कार्यक्रमों पर चर्चा एवं जानकारी दी जाती है कई भक्तों के द्वारा मंदिर में गृह पूजन जप तप करवाए जाते हैं। गोरखनाथ गढ़खालेश्वर महादेव मंदिर के विकास के प्रति मंदिर की मुख्य पुजारी नरेश कुमार भारती ने सभी भक्तों का आभार एवं धन्यवाद दिया है,जिन्होंने उक्त मन्दिर के लिए निस्वार्थ सेवा करते हैं जिनमें मुख्य तौर जिला व्यापार सभा के उपाध्यक्ष एवं गौ सेवा संवर्धन समिति श्रीनगर के उपाध्यक्ष आनंद सिंह भंडारी,राजेंद्र प्रसाद बड़थ्वाल,महिपाल सिंह बिष्ट,गोपी घिल्डियाल,अरविंद कंडारी,सौरभ नेगी उपासक जय कालनाथ भैरव दिगोली,अजीत बड़थ्वाल उपासक जय माता दक्षिणेश्वरी कालिका डोली,प्रदीप रावत वृक्ष मित्र चौरास,अटल भारत सम्मान फाउंडेशन के मिडिया प्रभारी पत्रकार गबर सिंह भण्डारी,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष विपिन चंद्र मैठाणी,वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता भोपाल सिंह चौधरी,शंकर भंडारी उपासक तैलेश्वर महादेव मंदिर सरणा,विक्की बर्मा ऋषिकेश,धर्मेन्द्र शाह देहरादून का सदैव निस्वार्थ सहयोग बना रहा है,इसके साथ ही ग्रामीणों में मनोज बिष्ट,मस्तान सिंह बिष्ट,चंडी प्रसाद ढौंडियाल,जितेंद्र ढौंडियाल,मुकेश ढौंडियाल,नरेश सेमवाल,आनंद सिंह चौहान,गजेंद्र सिंह कैन्तुरा,उत्तम सिंह कैन्तुरा,संतोष भट्ट (टीटू),जसपाल सिंह बिष्ट,रमेश सिंह बिष्ट एवं आदित्य सिंह,नरेश भटृ,ताजबर सिंह कैन्तुरा,हेमन्त कुमार,का बड़ा सहयोग बना रहता है मंदिर के कार्यक्रमों में हमारे प्रधान सत्यदेव बहुगुणा सुमाड़ी एवं राजेश काला के द्वारा पूजा पाठ का कार्य सम्पन्न करवाया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp