कथा सुनने,तीर्थ दर्शन और समाज सेवा से बढ़ा पुण्य कोई नहीं–आचार्य महेश चन्द्र महाराज
प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। न्यू डांग में पितृ आशीर्वाद सदन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन वेद व्यास आचार्य डॉ.महेश चन्द्र महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण भक्तों कराते हुए कहा कि कभी मानव जीवन में ऐसी अवस्था आती है,जब मुनष्य यह सोचता है कि अब मेरे सारे काम निपट गये है और फ्री हो गया हूं तो तब क्या करना चाहिए। ऐसे में मानव को शास्त्र एवं संत जो कहते है वह करना चाहिए। जहां भी कथा हो रही वहां जाना चाहिए, कहीं पर समाज सेवा की बारी आए तो वहां जाना जाना चाहिए और तीर्थ दर्शन के लिए वृदावन,द्वारिका,जगन्नाथ,रामेश्वर तीर्थ स्थलों में जाना चाहिए। परमार्थ के पथ पर आगे बढ़ो। आचार्य डॉ.महेश चन्द्र ने कहा कि यदि आप किसी को शुत्र बनाते हो तो आपको शारीरिक,मानसिक और सामाजिक बाधा पहुंचने के साथ ही विकास के रास्ते बंद हो जाते है। इसलिए धीरे-धीरे ऐसे पाप व कांटो के मार्ग को छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी संसार में भगवान हमारे चारों ओर विराजमान है। चन्द्रमा और सूर्य को भगवान के आंखे मानो,बादलों को भगवान के घुंघराले बाल,ऊंचे ऊंचे पहाड़ और समुद्र,नदी हमारे बीच भगवान के रूप में स्थित है। उन्होंने कहा कि बेहतर विद्या को पाना है तो भगवान शंकर का ध्यान करे और परिवार,गृहस्थ जीवन और परिवार में खुशी रखने है तो मां पार्वती,गौरी मैया की आराधना करनी चाहिए और मोक्ष की प्राप्ति करनी है तो नारायण भगवान की भक्ति करे। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने भी कथा में पहुंचकर वेदव्यास आचार्य डॉ.महेश चन्द्र महाराज का आशीवार्द लिया और व्यास जी को शॉल ओढ़कर सम्मानित किया। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सीएमएस रावत,डॉ.कविता रावत,केएमएस रावत,रश्मि रावत,लक्ष्मी भंडारी,पृथ्वी सिंह भंडारी,रिद्धि नेगी,अरुण नेगी,सिद्धि असवाल,निर्मला बिष्ट,जसवंत सिंह बिष्ट,आशा रावत,सरोजनी रावत,रमेश रावत,भगवान सिंह रावत,भाजपा मंडल अध्यक्ष जितेन्द्र धिरवाण,बासुदेव कण्डारी,दिनेश पटवाल सहित आदि मौजूद थे।