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प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। इंडोनेशिया बाली के वियतनाम में दस दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कवि सम्मेलन,पुस्तक लोकार्पण शोध-पत्र वाचन,पर्यटन सहित विभिन्न गतिविधियों का संचालन हुआ। साहित्य शोध संचय संवाद फाउंडेशन नई दिल्ली (भारत) तथा बाली स्थिति सुग्रीव विश्व विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय साहित्यिक -शैक्षणिक गतिविधियों का संपादन हुआ। इस सम्मेलन में मॉरीशस तथा भारत के विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश,नई दिल्ली,महाराष्ट्र,आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु,केरल,हरियाणा, गुजरात,बिहार,जम्मू-कश्मीर,कर्नाटक,मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़,राजस्थान उत्तराखण्ड आदि के सत्तर सदस्यीय दल ने प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड राज्य से नीरज नैथानी श्रीनगर,राधा बाल्मीकि पंतनगर,रतन राय देहरादून,आरती रावत पुण्डीर श्रीनगर,अर्चना राय देहरादून,माधुरी नैथानी श्रीनगर की भी सहभागिता रही। इस अवसर पर नीरज नैथानी की पुस्तक ‘मॉरीशस यात्रा संस्मरण ‘ का लोकार्पण भी किया गया।साहित्य समारोह के द्वितीय चरण में परम धाम आश्रम में समस्त प्रतिभागियों का भव्य स्वागत हुआ। आश्रम में विद्यार्थियों ने बहुत सुंदर लोक नृत्य प्रस्तुत किया साथ ही भगवत गीता की आरती प्रस्तुत की। आश्रम के प्रधान गुरु ने संस्कृत में कविता सुनाकर काव्य संध्या का शुभारंभ किया। नीरज नैथानी ने मंच संचालन किया।काव्य पाठ के पश्चात गुरुजी ने काव्य संग्रह का लोकार्पण किया तथा काव्य पाठ करने वाले समस्त कवियों को सम्मानित किया। आश्रम के सदस्यों ने फिर बांस निर्मित सुंदर टोकरियों (डलियों) में केले के पत्तों पर सजाकर रखा हुआ प्रसाद वितरित किया। तत्पश्चात बाली द्वीप के प्रमुख मंदिरों,तीर्थ केंद्रों,पर्यटक स्थलियों का भ्रमण किया गया 12 से 17 जून 2024 छः दिवसीय इंडोनेशिया सम्मेलन के पश्चात समस्त सदस्य तीन घंटे पचास मिनट का हवाई सफर तय कर ‘हो ची मिन्ह सिटी’ (वियतनाम) पहुंचे। तीन दिन के वियतनाम पर्यटन में वॉर मेमोरियल के साथ ही वियतनामी गुरिल्लाओं द्वारा बनायी गयी सुरंगों ‘कू ची टनल’ मेखोंग डेल्टा,कोकोनट आई लैंड,हनी बी आई लैंड,शॉपिंग सेंटर,सिटी साइट सीइग टूर का आयोजन किया गया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ‘हो ची मिन्ह सिटी (वियतनाम)के ‘होटल बे’ की सत्रहवीं मंजिल में टॉप रूफ पर साहित्य संचय शोध संवाद फाउण्डेशन दिल्ली भारत की पंजीकृत संस्था के तत्वावधान मे भारतीय योग शिविर भी संचालित किया गया। दस दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के पश्चात समस्त सदस्य 22 जून को स्वदेश वापस लौट आए।

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