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प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। मलेथा की खेती में लक्ष्मी किसान पौधशाला में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा स्थानीय बीजू आम की लगभग 20 हजार पौध पॉलीबैग के साथ उत्पादित की गई,किंतु स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत महिलाओं द्वारा उत्पादित बीजू आम की खरीददारी के लिए बाजार नहीं मिल पा रहा है। पौधशाला के संरक्षक पर्यावरणविद् अनिल किशोर जोशी ने इस संदर्भ में प्रदेश के सीएम,कृषि मंत्री,टिहरी डीएम,सीडीओ को पत्र भेजकर आम के पौध को हरेला पर्व एवं वन विभग के अर्न्तगत विभिन्न पौध रोपण कार्यक्रम में क्रय करने की मांग उठाई गई। वीर माधो सिंह भंडारी की भूमि मलेथा की खेती में तैयार 3 वर्षीय आम की पौध की ऊँचाई 4 से 6 फिट है और जिसके एक पौध का मूल्य मात्र 70 रूपये निर्धारित किया गया है। पर्यावरणविद् जोशी ने सरकार एवं विभागीय अधिकारियों से मांग की गई कि वर्षाकालीन पौध रोपण का कार्य गतिमान है व हरेला पर्व के अन्तर्गत वृहद वृक्षारोपण किया जाता है। इस बीजू आम की पौध को जंगलों में अथवा रोड साईट प्लान्टेशन के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है। जंगलों में यदि बीजू आम की पौध रोपित किया जाय तो फल उत्पादन के साथ-साथ जंगली जानवरों से फसलों को बचाया जा सकता है एवं फलदार पौधों का जंगलों में रोपण/वनीकरण सरकार की प्राथमिकता में भी है। उन्होंने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से भी पत्र के माध्यम से मलेथा की धरती पर उगाये बीस हजार आम की पौध को हरेला पर्व एवं विभिन्न पोधरोपण कार्यक्रमों में रोपण करने हेतु वन संरक्षक गढ़वाल के माध्यम से गढ़वाल मण्डल में कार्यरत प्रभागीय वन अधिकारियों को आदेशित कर महिला समूहों को स्वरोजगार कार्यक्रम का लाभ दिलाने की मांग उठाई है। कहा कि इस बीजू आम की पौध को जनपद के विभिन्न ग्राम सभाओं,जिनमें वनीकरण का कार्य किया जा रहा हो उसमें भी क्रय कर वनीकरण करने हेतु खरीदा जा सकता है। जोशी ने कहा कि यदि पौध तैयार करने वाले काश्तकारों को स्थानीय स्तर पर बाजार मिल सके तो काश्तकार इस क्षेत्र में बेहतर कार्य कर स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते है।

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