प्रदीप कुमार ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। भेड़ पालकों की अराध्य देवी व सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान भगवती मनणामाई की लोक जात यात्रा राकेश्वरी मन्दिर रासी से विधिवत शुरू हो गयी है। बुधवार को मनणामाई लोक जात यात्रा मनणामाई धाम पहुंचेगी तथा पूजा-अर्चना के बाद लोक जात यात्रा राकेश्वरी मन्दिर रासी के लिए वापस होगी तथा लोक जात यात्रा के राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचना मौसम पर निर्भर करेगा मगर मनणामाई लोक जात यात्रा के वापसी मे सनियारा रात्रि प्रवास युगों से चली परम्परा के अनुसार आवश्यक माना गया है। हिमालयी क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश होने के कारण इस बार लोक जात यात्रा में मात्र एक दर्शन श्रद्धालु मौजूद हैं। क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को राकेश्वरी मन्दिर रासी में विद्वान आचार्यों ने ब्रह्म बेला पर पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजायें सम्पन्न कर भगवती राकेश्वरी व भगवती मनणामाई का आवाहन कर आरती उतारी तथा भगवती मनणामाई की डोली का विशेष श्रृंगार कर भगवती मनणामाई की डोली ने राकेश्वरी मन्दिर की परिक्रमा की तथा महिलाओं ने मांगल गीतों तथा ब्राह्मणों ने वेद ऋचाओं से भगवती मनणामाई की डोली को कैलाश के लिए विदा किया। भगवती मनणामाई की लोक जात यात्रा के कैलाश रवाना होने पर रासी गांव के ग्रामीणों ने मीलों दूर तक मनणामाई की लोक जात यात्रा को परम्परानुसार विदा किया। शिक्षाविद रवीन्द्र भट्ट ने बताया कि भगवती मनणामाई भेड़ पालकों की अराध्य देवी मानी जाती है तथा युगों से परम्परा के अनुसार प्रति वर्ष मनणामाई की लोक जात यात्रा सावन मास में राकेश्वरी मन्दिर रासी से शुरू होती है तथा मनणा धाम में पूजा-अर्चना के बाद लोक जात यात्रा की राकेश्वरी मन्दिर रासी के लिए वापसी होती है तथा राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचने पर लोक जात यात्रा का समापन होता है। राकेश्वरी मन्दिर समिति अध्यक्ष जगत सिंह पंवार ने बताया कि इस बार पण्डित सूरज भट्ट व अवतार भट्ट मनणामाई लोक जात यात्रा की अगुवाई कर रहे हैं तथा बुधवार को मनणामाई लोक जात यात्रा मनणा धाम पहुंचेगी। क्षेत्र पचायत सदस्य बलवीर भट्ट ने बताया कि मनणामाई तीर्थ रासी गांव से लगभग 32 किमी दूर चौखम्बा की तलहटी व मदानी नदी के किनारे बसा है। उन्होंने बताया कि मनणामाई तीर्थ सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान है। लोक जात यात्रा में शामिल देवेन्द्र पंवार ने बताया कि मनणामाई धाम पहुंचने के लिए सनियारा,पटूणी,थौली,सीला समुन्दर,कुलवाणी यात्रा पड़ावों से पहुंचा जा सकता है तथा मनणामाई तीर्थ में हर भक्त के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। मनणामाई लोक जात यात्रा समिति अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट ने बताया कि मनणामाई लोक जात यात्रा प्रथम रात्रि प्रवास के लिए पटूणी,द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए थौली पहुंचेगी तथा तीसरे दिन लोक जात यात्रा मनणा तीर्थ पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि ऊंचाई वाले इलाकों में निरन्तर बारिश होने से लोक जात यात्रा के राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचना मौसम पर निर्भर करता है।