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प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र द्वारा राजशाही के खिलाफ आवाज उठाने वाले अमर शहीद श्रीदेव सुमन की 80 वीं पुण्य तिथि पर प्रतिरोध की कविताओं के माध्यम से स्मरण करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। लोक प्रिय जन कवि डॉ.अतुल शर्मा ने अपने तेवरी अंदाज में कविताएं व गीत पढ़कर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। मशहूर शायर जनाब शादाब अली मशहदी ने एक से बढ़कर एक शेर व नज्म पेश कर अपनी दमदार हाजिरी दर्ज कराई। विनीत पंछी ने बिल्कुल अलहदा तरीके से कविताओं के नये स्वरूप से परिचय कराया। आपकी नये किस्म की कविताओं की निराले अंदाज में की गयी प्रस्तुति को सभागार ने भरपूर सराहा। नीरज नैथानी ने मंच पर आमंत्रित किए जाने पर तीखे व तार्किक व्यंग्य प्रस्तुत अपनी भूमिका से न्याय करने का प्रयास किया। लक्ष्मी प्रसाद बडोनी ‘दर्द’ ने खूबसूरत गजल पढ़कर महफिल लूटने में कोई कसर न छोड़ी। आपके अंदाजे बयां व तंज कसती शेरो शायरी ने श्रोताओं के दिलों पर जादू सा असर बनाकर रखा। डॉ.राजेश पाल ने विनम्रतापूर्वक मंच पर न आ पाने के लिए क्षमा मांगते हुए सभाकक्ष में श्रोताओं के मध्य बैठे रहकर अपनी छोटी छोटी किंतु चुटीली कविताओं के माध्यम से प्रभावशाली उपस्थित अंकित की। कवि सम्मेलन का सधा हुआ संचालन करते हुए निकोलस ने अंत तक श्रोताओं को अपने व्यक्तित्व के सम्मोहन में बांधे रखा। इस अवसर पर डॉ.मुनी राम सकलानी ने श्रीदेव सुमन की जीवन यात्रा के संघर्षों के साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी,राजशाही के अत्याचारों के खिलाफ जनजागरण,आमरण अन्नशनव,त्याग,समर्पण आदि के विभिन्न पक्षों को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डॉ.मुनी राम सकलानी ने समस्त सहभागियों को सुमन सुधा पत्रिका भेंट की। समारोह में चंद्रशेखर तिवारी,राकेश चंद्र जुगराण (सेवा निवृत्त संयुक्त शिक्षा निदेशक,कवि,लेखक, विचारक),गढ कवि देवेन्द्र उनियाल,कवि सत्या नंद बडोनी,नंद किशोर हटवाल,प्रखर सामाजिक कार्यकर्ता रवीन्द्र जुगराण,डॉ.इंदू नौटियाल,शिव मोहन,डाली डबराल,सत्य प्रकाश शर्मा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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