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प्रदीप कुमार
रूद्रप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल।मानसून सत्र के दौरान बच्चों में डायरिया होने की आशंका के दृष्टिगत डायरिया नियंत्रण को लेकर 01 अगस्त से जनपद में सघन डायरिया रोकथाम अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत जनपद की सभी 128 चिकित्सा इकाईयों मे जिंक ओआरएस कार्नर की स्थापना कर इन कार्नर के माध्यम से जिंक व ओआरएस पैकेट का वितरण निःशुल्क किया जाएगा। साथ ही अभियान के दौरान डायरिया रोकथाम को लेकर विभिन्न गतिवियां आयोजित की जाएंगी। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.विमल सिंह गुसाईं ने बताया कि शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में 01 अगस्त से मानसून सत्र तक सघन डायरिया रोकथाम अभियान का आयोजन किया जा रहा है। बताया कि इसके तहत आशा व एएनएम पांच साल कम उम्र के बच्चों वाले घरों का दौरा करेंगी व इन घरों में अनिवार्य रूप से ओआरएस पैकेट का वितरण किया जाएगा। साथ ही आशा व एएनएम द्वारा लक्षित आयु वर्ग के बच्चों के अभिभावकों को डायरिया के लक्षण बचाव के बारे में जागरूक किया जाएगा व ओआरएस घोल बनाने की विधि सिखायी जाएगी। घर भ्रमण के दौरान डायरिया के लक्षण मिलने पर संबंधित शिशु को निकटवर्ती चिकित्सालय रेफर किया जाएगा। बताया कि पीड़ित बच्चे को निःशुल्क जिंक टैबलेट उपलब्ध कराई जाएगी,इसके अतिरिक्त आशा कार्यकत्रियां द्वारा शिशु की माताओं को स्वच्छता व स्तनपान प्रथाओं को बढावा देने को लेकर भी जागरू किया जाएगा व गृह भ्रमण के दौरान क्लोरिन टैबलेट का वितरण किया जाएगा। वहीं,राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की सभी पांच टीमें अपने भ्रमण वाले स्कूल/आंगनबाड़ी में बच्चों को हैंडवास प्रैक्टिस व डायरिया बचाव व रोकथाम की जानकारी देंगे। अभियान के तहत जनपद में साभी 128 चिकित्सा इकाईयों में निःशुल्क ओआरएस पैकेट व जिंक दवा के वितरण हेतु जिंक ओआरएस कार्नर की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को अपने-अपने ब्लाकों में अभियान को सघन रूप से चलाने के निर्देश दिए गए हैं। विश्व स्तनपान सप्ताह भी शुरू
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में शिशु स्वास्थ्य व मातृ स्वास्थ्य में सुधार के लक्ष्य के साथ 01 अगस्त से 07 अगस्त,2024 तक विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.विमल सिंह गुसाईं ने बताय कि मां का दूध शिशु स्वास्थ्य के लिए व्यापक लाभकारी है। बताया कि इससे शिशु के मानसिक व शारीरिक विकास के साथ-साथ डायरिया,निमोनिया व कुपोषण से बचाव होता है व बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। उन्होंने बताया कि स्तनपान सप्ताह के दौरान जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराने,पहले 06 माह तक केवल मां का दूध पिलाने,6 माह से बडे शिशुओं व बच्चों को सुरक्षित व स्वस्थ ऊपरी आहार के साथ स्तनपान जारी रखने व स्तनपान कराने के सही तरीके की जानकारी को लेकर जागरूक किया जाएगा व आशाओं द्वारा प्री-लैक्टियल फीड (घुट्टी,पानी,शहद आदि) एवं डब्बे वाले दूध के उपयोग को हतोत्साहित करने को लेकर लक्षित वर्ग को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगामी 07 अअगस्त तक आशा कार्यकत्रियां अपने-अपने क्षेत्रों में बैठकें कर स्तनपान जागरूकता गतिविधि करेंगे।

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