प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट चडीगांंव में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence) विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें प्रत्येक डीएलएड प्रशिक्षु द्वारा चार्ट,पीपीटी के माध्यम से अपनी विषय वस्तु का प्रस्तुतीकरण किया गया। सेमिनार में AI शब्द की उत्पत्ति,विकास,विभिन्न क्षेत्रों में संभाव्यता एवं इससे जुड़े सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार प्रस्तुत किए गए। जिसमें प्रशिक्षुओं द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में जीनोमिक मेडिसिन, AI आधारित विभिन्न एप्लीकेशन के उपयोग आदि बिंदुओं को उकेरा गया। इसके अतिरिक्त अन्य क्षेत्र जैसे कृषि,कानून एवं व्यवस्था, जलवायु,शासन व्यवस्था आदि में भी AI की उपयोगिता के बारे में बताया गया। भविष्य में AI से संभावित खतरों की संकल्पना के तौर पर डाटा प्राइवेसी,रोजगार,डीप फेक आदि बिंदुओं पर चिंता जाहिर की गयी। और भविष्य को लेकर इसे सतत् विकास संबंधी अवधारणा के साथ प्रयोग में लाए जाने की बात कही गई,जहां संतुलित विकास की अवधारणा को पोषित किया जाना सुनिश्चित किया जा सके। कार्यक्रम में समन्वयक के तौर पर डॉ.एन.पी.उनियाल सेमिनार के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। निर्णायक के रूप में नीलिमा शर्मा,डॉ.डी.एस.लिंगवाल तथा डॉ.जे.एस.पुंडीर ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डायट प्राचार्य स्वराज सिंह तोमर ने प्रशिक्षुओं के प्रयास की सराहना की एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमारे जीवन में कितना लाभदायक और हानिकारक है विस्तार से चर्चा की और इस प्रतियोगिता के सर्वश्रेष्ठ तीन छात्रों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया,सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। इस अवसर पर डायट संकाय के सदस्य डॉ.एम.एस.कलेठा,विनय किमोठी,संगीता डोभाल,अनुजा मैठाणी,जे.एस.कठैत आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के निर्णायकों द्वारा सर्वश्रेष्ठ तीन प्रतिभागियों के तौर पर अंशुमन सिंह,आकृति गुसाई एवं अंकित सिंह रावत का चयन किया गया।
