प्रदीप कुमार
रूद्रप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में आगामी सात अगस्त तक चलने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत चिकित्सा इकाइयों में प्रसूताओं को स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूक किया गया,वहीं समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा द्वारा शिशुवती महिलाओं के साथ बैठक कर स्तनपान के लाभ के बारे में जानकारी दी जा रही है।जिला चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.रविंद्र सिंह चौहान ने प्रसूताओं व उनके परिजनों को बताया कि स्तनपान सर्वोत्तम आहार है,मां का दूध शिशु स्वास्थ्य के लिए व्यापक लाभकारी है। बताया कि इससे शिशु के मानसिक विकास,डायरिया,निमोनिया व कुपोषण से बचाव होता है व बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। उन्होंने प्रत्येक बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराने और जल्द से जल्द त्वचा से त्वचा संपर्क शुरू करने तथा पहले 06 माह तक केवल मां का दूध पिलाने पर जोर दिया।वहीं क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा प्रसूता व शिशुवती महिलाओं के साथ बैठक कर स्तनपान को लेकर जागरूक किया जा रहा है। इस दौरान 6 माह से बडे शिशुओं व बच्चों को सुरक्षित व स्वस्थ ऊपरी आहार के साथ स्तनपान जारी रखने का संदेश दिया जा रहा है। साथ ही जागरूक किया कि स्तनपान कराने से मां के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। इस दौरान आशाओं द्वारा प्री-लैक्टियल फीड (घुट्टी,पानी,शहद आदि) एवं डिब्बे वाले दूध के उपयोग को हतोत्साहित करने पर भी जोर दिया गया।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.विमल सिंह गुसाईं ने बताया कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को जन्म के एक घंटे के भीतर शिशु को अवश्य स्तनपान कराने व 06 माह तक केवल मां का दूध पिलाने के संदेश का प्रभावी प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि आगामी 07 अगस्त तक स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में बैठक कर स्तनपान जागरूकता गतिविधि को जारी रखेंगी।