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श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय सम्मान न दिए जाने पर साधा धामी सरकार पर निशाना चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और पूर्व कैबिनेट मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने दिग्गज राज्य निर्माण आंदोलनकारी मदन मोहन नौटियाल के निधन पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है। आज जारी एक बयान में उन्होंने स्वर्गीय मदन मोहन नौटियाल को उत्तराखंड राज्य आंदोलन के संस्थापकों में से एक बताते हुए कहा है कि उनके निधन से उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन का एक महान योद्धा चला गया है। उन्होंने मदन मोहन नौटियाल को उनकी अंत्येष्टि के अवसर पर राजकीय सम्मान न दिए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि अगर मदन मोहन नौटियाल जैसे राज्य आंदोलन के संस्थापकों को यह सरकार राजकीय सम्मान नहीं दे सकी तो यहां के उन राजनेताओं को जो नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हुए हैं उन्हें कहीं भी राजकीय सम्मान दिया जाना निश्चय ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मदन मोहन नौटियाल ने अपने जवानी से आजीवन राज्य निर्माण आंदोलन में और बाद में इसकी वैभूति के लिए प्रयास किया। उन्होंने कहा कि वह उत्तराखंड के गांधी स्व.इंद्रमणि बडोनी के निकटतम साथियों में से एक थे। उन्होंने ही उत्तराखंड क्रांति दल की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा मदन मोहन नौटियाल ने बाबा मथुरा प्रसाद बमरडा के साथ राज्य भर की लंबी पैदल यात्राएं की और राज्य के लोगों को नए राज्य बनाने के लिए जागृत किया। यही नहीं एक लेखक के रूप में भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई और उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के इतिहास पर उन्होंने एक पुस्तिका लिखी। उन्होंने कहा कि वह आदर्शवादी नेता थे यदि वे भाजपा या कांग्रेस जैसे किन्हीं राजनीतिक दलों में चले जाते तो कभी विधायक और सांसद भी बन सकते थे परंतु राज्य निर्माण के बाद वह राज्य की वैभूति में लग गए और यदा-कदा राज्य के विकास के लिए सवाल उठाते रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और श्रीनगर के विधायक व कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत से स्व.मदन मोहन नौटियाल को राज्य के सम्मान न दिए जाने पर राज्य की जनता से माफी मांगने को कहा है।

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