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प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। प्रकृति पर्यावरण संस्थान के कार्यालय में जल बिरादरी की बैठक आयोजित की गई। जिसमें गंगा की निर्मलता अविरलता को कायम रखने के लिए चर्चा की गई। प्रकृति पर्यावरण संस्थान की अध्यक्ष व जल बिरादरी की प्रदेश अध्यक्ष बिना चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि लगातार गंगा पर बांधों का निर्माण किया जा रहा है। जिससे गंगा की भविष्य पर संकटगहराता जा रहा है। इसे रोकने के लिए हम सबको सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से अलकनंदा, भागीरथी सहित गंगा की अन्य सहायक नदियों पर जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण की कवायत तेज हो गई है अगर यह जल विद्युत परियोजनाएं बनती है तो गंगा के अस्तित्व पर गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। जिसका प्रभाव जलीय जंतुओं पर तो पड़ेगा ही,साथ ही मानव के अस्तित्व पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से लगातार पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ हो रही है। वह मानव के भविष्य के लिए शुभ नहीं है। पर्यावरण के संरक्षण एवं गंगा की स्वच्छता के लिए केंद्र और राज्य सरकार को ठोस योजनाएं बनानी होगी। वक्ताओं ने कहा कि जल्द ही गंगा के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार की जाएगी व विभिन्न सामाजिक संगठनों,पर्यावरण प्रेमियों,धर्माचार्यों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा। कार्यक्रम में उपस्थित सरोज,वर्षा,मुन्नी,कुसुम,रेखा,निलम,पुष्पा नेगी,सुधा डिमरी,सुनिता,गीता,बंदना,पुष्प,मिना,कुसुम पंवार,पिंकी बहुगुणा,शोभा,कान्ता रावत,शिवागनी,रागिनी,आरती, कुसुम चौधरी,अनिता,सुनीता बहुगुणा,निर्मला,सुरजी आदि महिलाएं उपस्थित रहीं।

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