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प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल।
चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,चाह नहीं,प्रेमी-माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं,सम्राटों के शव
पर हे हरि,डाला जाऊँ,
चाह नहीं,देवों के सिर पर
चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ।
मुझे तोड़ लेना वनमाली!
उस पथ पर देना तुम फेंक,मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जावें वीर अनेक।
आजादी का पर्व यानि 78 वा स्वतंत्रता दिवस वीर चक्र प्राप्त कारगिल शहीद कुलदीप सिंह राजकीय इंटर कॉलेज खण्डाह खिर्सू में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि शहीद कुलदीप सिंह के छोटे भाई विजय सिंह रावत व विशिष्ट अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता व उनके पारिवारिक मित्र जसपाल सिंह रावत ने राष्ट्र ध्वज को सलामी देते हुए ध्वजारोहण किया। अपने सम्बोधन में विजय सिंह रावत ने आजादी के लिए शहीद होने वाले क्रान्तिकारियों को श्रद्धांसुमन अर्पित करते हुए अपने बडे़ भाई कुलदीप सिंह को याद करते हुए उनके जीवन के कुछ अविस्मरणीय पलों को याद किया,साथ ही उन्होंने अपने परिवार के उस संकल्प को दोहराया कि वो आजीवन विद्यालय के छात्र छात्राओं के मार्गदर्शन व सहयोग के लिए हमेशा उपस्थित रहेगें। आयोजन के विशिष्ट अतिथि जसपाल सिंह रावत ने कारगिल युध्द की घटना और उसमें शहीद कुलदीप सिंह के अदम्य साहस की गाथा को बच्चों के साथ साझा किया। इससे पूर्व स्वतंत्रता दिवस की परम्परा के अनुसार बच्चों ने देशभक्ति के नारों से गुंजायमान प्रभात फेरी निकालते हुए पूरे परिवेश को देशभक्ति से ओतप्रोत किया। झण्डारोहण के पश्चात विद्यालय परिवार के मुखिया प्रधानाचार्य राजेन्द्र प्रसाद किमोठी द्वारा अतिथियों का स्वागत व अभिनन्दन किया गया, उन्होंने अपने सम्बोधन में बच्चों को आजादी के मायने और सेना की भूमिका पर अपनी बात रखते हुए आज की उपस्थिति के लिए कुलदीप सिंह के परिवार का आभार व्यक्त किया। बच्चों द्वारा रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया,जिसमें आजादी से जुड़े गीत कविता,लोकनृत्य,नाटक व भाषण प्रस्तुत किये गए,जिसे सभी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की समापन से पूर्व विजय सिंह रावत व जसपाल सिंह रावत द्वारा छात्र छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान एक पौधा माँ के नाम पर रोपित किया गया,जिसके संरक्षण का संकल्प भी लिया गया साथ ही अन्त में मिष्ठान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राजेन्द्र प्रसाद किमोठी व संचालन महेश गिरि व राजवीर सिंह बिष्ट द्वारा सयुंक्त रूप से किया गया। आयोजन में वरिष्ठ प्रवक्ता विक्रम सिंह नेगी,गोविन्द नथवान,कुंजबिहारी सकलानी,जसपाल बिष्ट,भाष्करा नंद गौड,भगवती प्रसाद गौड़,हेमचंद्र मंमगाई,संतोष पोखरियाल,दलवीर शाह,कुसुमलता थपलियाल,लक्ष्मी सेन,मंजू असवाल,संतोष रौथाण,पवन ग्वाडी,मंयक पंत,राकेश रूडोला,नरेंद्र रावत,कपिल मुयाल,हंसाधर नौटियाल आदि ने सफल आयोजन के लिए सहयोग प्रदान करते हुए उपस्थिति रहे। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,वतन पर मरने वालों का यही बांकी निशां होगा।

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