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अच्छे शिक्षक उन्नत मानव समाज के निर्माता: प्रो.प्रकाश मणि त्रिपाठी

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। यूजीसी मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग केंद्र हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड द्वारा एक माह का फैकल्टी इंडक्शन (गुरुदक्षता) कार्यक्रम आज 21 अगस्त 2024 से प्रारंभ हो गया है। इसमें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सेवारत आठ राज्यों के 54 शिक्षक प्रतिभागी प्रशिक्षण लेंगे। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो.प्रकाश मणि त्रिपाठी कुलपति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय केंद्रीय विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्य प्रदेश ने कहा कि शिक्षक आदर्श मानव को तैयार करते हैं इसलिए उन पर बहुत बड़ा दायित्व है। इसलिए उनका प्रशिक्षण अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के लिए गुणवत्ता पूर्ण शोध आवश्यक है। अच्छा शोध गुरुकुलों के उदाहरण से सीखना चाहिए, जिनमे ऋषि मंत्रद्रष्टा होने के नाते सिद्धांतों का सूत्रात्मक सृजन करके उन्हें धरातल पर उतारते थे। संसार निरंतर परिवर्तन शील है,इसी के आलोक में दक्षता और कौशल विकास आवश्यक है। शिक्षा में उच्च मानवीय गुणों के साथ ही नवाचार और आविष्कारों की भी आवश्यकता है। अकादमिक,शारीरिक और आध्यात्मिक उन्नति ही सर्वतोमुखी उन्नति का द्वार है। इस प्रकार से ही भारत स्वस्थ,उन्नत और समृद्ध होगा। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो.अन्नपूर्णा नौटियाल कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल,उत्तराखंड ने की। उन्होंने कहा कि शिक्षक को विद्यार्थियों को पूरा विषय समझाने की स्थिति में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुस्तकालयों में मूलग्रंथों और स्तरीय पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। शिक्षकों का स्तर विद्यार्थियों से कई गुना अधिक होना चाहिए। उन्हें पूर्णतः तैयार और अद्यतन ज्ञान से पूर्ण होना चाहिए। शिक्षकों को गरिमापूर्ण,ज्ञान से परिपूर्ण,सत्यनिष्ठ,कौशल से परिपूर्ण होना चाहिए। उनको तार्किकता,संप्रेषण और तकनीकी इत्यादि कौशल से युक्त होना चाहिए। तकनीकी का ज्ञान और अनुप्रयोग आवश्यक है। उन्होंने कुशल शिक्षकों को समाज की उन्नति हेतु आधार बताया। उन्होंने उत्पादक और रचनाधर्मी शिक्षण गतिविधियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ए आई और रोबोटिक शिक्षा कभी भी अच्छे शिक्षक को स्थानांतरित नहीं कर सकती है। इसलिए शिक्षकों को अपने को अच्छे से तैयार करके एमओयू तथा कोलेबोरेशन भी करना चाहिए। केंद्र की निदेशक प्रोफेसर इंदु पांडे खंडूड़ी ने गुरुदक्षता (फैकल्टी इंडक्शन) कार्यक्रम के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम द्वारा शिक्षक एजुकेशन और इकोसिस्टम,क्यूरिकलम डिजाइन,आउटकम बेस्ड लर्निंग,सीबीसीएस,टीचिंग,लर्निंग,एसेसमेंट मॉडल,टेक्नोलॉजी फॉर आई जेनरेशन,पर्सनल इमोशनल डेवलेपमेंट एंड काउंसलिंग,रिसर्च प्रोफेशनल,डेवलपमेंट एंड एकेडमिक लीडरशिप,एकेडमिक इंटीग्रेटी,कांस्टीट्यूशनल वैल्यूज,ह्यूमन राइट्स,फंडामेंटल,ड्यूटीज,एनवायरनमेंटल कंशियसनेस,सस्टेनेबल डेवलपमेंट,स्ट्रेटेजिक प्लानिंग और प्रबंधन जैसे विषयों पर नवाचारी गतिविधियों से परिपूर्ण होंगे। इस कार्यक्रम के तहत एक माह में 144 घंटे तक शैक्षणिक गतिविधियां संचालित  होंगी,जिसमें विषय विशेषज्ञ प्रतिभागियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने कहा कि मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर द्वारा आयोजित अनेक कार्यक्रमों में निरंतर देश के अनेक राज्यों के शिक्षक बड़ी संख्या में प्रतिभाग करते हैं। गुरुदक्षता कार्यक्रम से शिक्षक और भी अधिक लाभान्वित होंगे। सत्र का संचालन करते हुए मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग केंद्र के सहायक निदेशक डॉ.राहुल कुंवर सिंह ने गुरु दक्षता कार्यक्रम की आवश्यकता पर प्रकश डाला। धन्यवाद ज्ञापन केंद्र के दूसरे सहायक निदेशक डॉ.सोमेश थपलियाल ने किया। कार्यक्रम में डॉ.अनुराग गोयल ने भी अपना सहयोग दिया। संयोजन कार्य में पूनम रावत और अनिल कठैत ने सक्रिय भूमिका निभाई।

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