विधानसभा सत्र में देववाणी संस्कृत का परचम लहराने पर सचिव,निदेशक एवं सहायक निदेशक का जगह-जगह किया गया स्वागत
प्रदीप कुमार
कर्णप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित तीन दिवसीय विधानसभा सत्र में देववाणी संस्कृत का परचम लहराने पर संस्कृत शिक्षा के अधिकारियों का जगह-जगह स्वागत हो रहा है। 21 अगस्त 2024 से 23 अगस्त 2024 तक चले विधानसभा सत्र में जहां विभिन्न मुद्दों पर पक्ष एवं विपक्ष जनहित के मुद्दों पर बहुत सक्रिय नजर आए तो दूसरी तरफ मंत्री गणों सहित विधायकों को देव वाणी संस्कृत का पाठ पढ़ाने पर मंत्रियों,पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने तो प्रशंसा की ही सत्र समाप्ति पर राजधानी लौटते हुए सचिव दीपक कुमार,निदेशक आनंद भारद्वाज एवं सहायक निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल का विभिन्न स्थानों पर शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों ने भव्य स्वागत किया। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर में पहुंचने पर पूरे जनपद के शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा विभाग की तरफ से अधिकारियों का स्वागत करते हुए माध्यमिक शिक्षा के तेज तर्रार एवं कुशल प्रशासक माने जाने वाले प्राचार्य डॉ.आकाश सारस्वत ने कहा कि यह पहला अवसर है,जब पूरी विधानसभा को संस्कृत शिक्षा विभाग ने संस्कृतमय बना दिया उन्होंने कहा कि यह आवश्यक भी है,क्योंकि जब देवभूमि उत्तराखंड के हमारे जनप्रतिनिधि संस्कृतमय रहेंगे और उच्च संस्कारित रहेंगे तो पूरी जनता को उसका फायदा मिलेगा। उन्होंने सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के विधायकों द्वारा भी संस्कृत शिक्षा विभाग के कार्यक्रम की तारीफ किए जाने की प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2022 से जब से डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल को प्रशासनिक संवर्ग देते हुए संस्कृत शिक्षा विभाग में अधिकारी के रूप में लाया गया है,तब से एक अलग तरह का माहौल देखने को मिल रहा है,जो उनकी विद्वता एवं प्रशासनिक क्षमता की काबिलियत को सिद्ध करता है। और अब सचिव के रूप में दीपक कुमार एवं निदेशक के रूप में डॉ.आनंद भारद्वाज के आने से निदेशालय स्तर के अधिकारियों की सक्रियता में और अधिक वृद्धि होगी।