प्राचार्य ने महिला इंटर्न हॉस्टल व मेस का किया निरीक्षण, महिला इंटर्न डॉक्टरों से पूछी समस्याएं।
मेस में बेहतर खाना बनाने तथा साफ सफाई रखने के दिये निर्देश।
हॉस्टल में कॉलोनी व बाहरी व्यक्ति नही करेगे प्रवेश, नही तो अमल मे लाई जायेगी प्रशासनिक व वैधानिक कार्रवाई।
रात्रि को बेस चिकित्सालय व मेडिकल कालेज परिसर में डे – नाइट पेट्रोलिंग के लिए बनेगी टीम।
चिकित्सा स्वास्थ्य एव चिकित्सा शिक्षा मन्त्री ने संवाद कार्यक्रम मे दिये थे सख्त निर्देश।
प्रदीप कुमार
श्रीनगर। मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय कैम्पस स्थित प्रशिक्षु महिला डॉक्टरों के हॉस्टल का मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सीएमएस रावत ने चीफ वार्डन डा.दीपा हटवाल व वार्डन डा.बन्दना के साथ निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्राचार्य ने हॉस्टल में संचालित मेस का भी निरीक्षण किया और हॉस्टल में रह रहे प्रशिक्षु डॉक्टरों से खाने की गुणवत्ता से लेकर अन्य जानकारियां हासिल की। प्राचार्य ने मेस संचालक को स्पष्ट निर्देश दिए कि साफ सफाई तथा गुणवत्ता पूरक खाने के साथ – साथ रात्रि डिनर उपरांत कोई भी मैस कर्मी मैस में नही रहने के निर्देश जारी किए। अन्यथा की दशा में अग्रेतर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। वार्डन को निश्चित अन्तराल पर निरीक्षण के निर्देश दिये व मैस मे खाने की गुणवत्ता स्वंय खाकर देखने को कहा।
मेस के निरीक्षण के दौरान प्रशिक्षु डॉक्टरों ने बताया कि हॉस्टल परिसर में बाहरी बच्चे खेलने आते है,साईकिल चलाते है, शोरगुल करते है, स्कूटर व साईकिल रखते है। मेस मे बाहरी अनजान लोग पहुंचते है, जिससे हर समय तनाव व भय का माहौल बना रहता है। जिस पर प्राचार्य ने कहा कि एक हफ्ते के अन्दर सारी समस्याओं का समाधान हो जायेगा। चिकित्सा स्वास्थ्य एंव चिकित्सा शिक्षा मन्त्री के सुधार के सख्त निर्देश मिले है। मन्त्री के निर्देशानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। प्रशिक्षु महिला हॉस्टल परिसर के आंगन में अन्य लोगों के साथ बच्चों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने हेतु आदेश जारी कर दिया गया है। प्रशिक्षु महिला डॉक्टरों रात्रि ड्यूटी के दौरान हाई मास्क लाइट के साथ साथ जंहा- जंहा कार्य स्थल के आने-जाने वाले स्थानों पर लाईट व्यवस्था खराब है, उसको ठीक करने के निर्देश दिए गये है। रात्रि को बेस चिकित्सालय परिसर में शीघ्र ही नाइट पेट्रोलिंग होगी, जो सुरक्षा के मध्येनजर पूरे परिसर में नाइट पेट्रोलिंग करेगी। प्रशिक्षु चिकित्सको ने बताया कि हॉस्टल की मेस में गुणवत्तापरक खाना नहीं मिलता है,जिस वजह से मजबूरी वश बाहर खाना पड़ता है। कहा कि हॉस्टल में सही खाना मिले तो सभी यहीं खायेगे। नियमित अन्तराल पर मैस कर्मी भी बदल रहे है। यह भी जानकारी मिली कि कतिपय मरीजों के तीमारदार रात्रिकालीन नशे मे रहते है,ऐसी स्थिति मे चिकित्सा अधीक्षक की टीम गश्त कर तत्काल एल्कोमीटर व शारीरिक जांच कर पुलिस को सूचित करेगी,ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। प्राचार्य ने हॉस्टलों की मेस में खाना बनाने वाले लोगों को बार- बार न बदलने व पुलिस सत्यापन के साथ ही शारीरिक परिक्षण कराने के बाद ही मैस मे रखने के निर्देश भी दिए है। साथ ही प्राचार्य ने प्रशिक्षु डॉक्टरों को भी स्पष्टता के साथ कहा कि किसी को भी अन्दर आने को ना कहे,जो भी उनकी सामग्री बाहर से मंगाई गई हो,तो गेट के बाहर से ही कलेक्ट करे। आरजी कर मेडिकल कॉलेज कालेज मे घटित अमानवीय व क्रूरतम घटना के मधयेनजर व चिकित्सा स्वास्थ्य एव चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सख्त निर्देश के क्रम मे संस्थान प्रशासन संस्थान कर्मियों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है।