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हिमालय दिवस पर जल स्रोत का पुनर्जीवीकरण

प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल।हिमालय दिवस के अवसर पर प्राकृतिक जल स्रोत संरक्षण और उत्तराखण्ड का ख़ान-पान एक अभियान के बैनर तले राणीहाट स्थित देवली गाँव मे प्राकृतिक जलस्रोत को पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया गया है।
इस अवसर पर पर्यावरण प्रेमी,वरिष्ठ पत्रकार एबम सम्पादक मासिक पत्रिका नया अध्याय आदरणीय देवेन्द्र गौड़ जी,और उड़ीसा के प्रमुख समाज सेवी आदरणीय सिद्धार्थ व देवी महापात्रा के सहयोग से यहां गांव के जल स्रोत को पुनर्जीवित किया जा रहा है। गाँव के ग्राम प्रधान और सहयोगियों की मदद से जल स्रोत के पुनरुद्धार पर काम चल रहा है। जलस्रोत के चारों ओर वृक्ष प्रजातियों के संरक्षण और वर्षा जल को एकत्रित करने के लिए काम किया जा रहा है।जहां पर पहले से ही जल स्रोत है। जिसमें धीरे-धीरे पानी कम होता गया। जब इसके चारों ओर से मलवा हटाने का काम प्रारंभ किया गया तो इसमें जल की मात्रा में वृद्धि दिखाई दे रही है।इसके बाद महसूस किया गया है कि इसके चारों ओर एकत्र कचरा और जल स्रोत को अवरुद्ध करने वाले अवरोधकों को हटाकर यह जल स्रोत पुरानी स्थिति में वापस लौटाया जाएगा

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