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मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में एनएमसी के निर्देश पर वर्कशाप कार्यक्रम शुरु,तीन राज्यों के 30 संकाय सदस्य कर रहे है प्रतिभाग

प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज मे एनएमसी की ऑब्जर्वरशिप में सोमवार से तीन दिवसीय बेसिक कोर्स इन मेडिकल एजुकेशन (बीसीएमई) वर्कशाप प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। जिसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा मेडिकल संकाय सदस्यो को पाठ्यक्रम की बुनियादी जानकारी के साथ-साथ ’टीचिंग लर्निंग मैथड इन मेडिकल एजुकेशन’ की आधुनिक तकनीकी एवं समूह में कार्य करने के तौर तरीके सिखाये गये। प्रशिक्षण में यूपी, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड से लगभग 30 संकाय सदस्यों ने प्रतिभाग किया है। एनएमसी के निर्देश पर चिन्हित श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्रेक्षागृह में आयोजित बीसीएमई सत्र का शुभारंभ एनएमसी के ऑब्जर्वर प्रो.विनय शर्मा,मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सीएमएस रावत,डॉ.दीपा हटवाल,डॉ.पवन बट्ट,डॉ.कैलाश गैरोला,डॉ.निरंजन गुंजन,डॉ.किगशुक लाहौन,डॉ.नियति ऐरन ने दीप प्रज्जवलित कर संयुक्त रूप से किया। जबकि एमबीबीएस छात्रों ने सरस्वती वंदना का भी गायन किया। कार्यक्रम में एनएमसी के ऑब्जर्वर डॉ.विनय शर्मा ने कहा कि मेडिकल एजुकेशन में इस तरह की वर्कशाप पूरे भारतवर्ष के मेडिकल कॉलेज में आयोजित हो रही है। जिससे मेडिकल एजुकेशन में और अधिक अत्याधुनिक आयामों पर कार्य हो सके। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सीएमएस रावत ने कहा कि बीसीएमई के जरिए चिकित्सा शिक्षा के दक्षताओं चिकित्सा शिक्षण, लक्ष्य व उद्देश्य को बेहतर ढ़ग से संचालित करने के लिए विभिन्न आयामों सहित चिकित्सा शिक्षा के विभिन्न समसामयकि विषयों पर विचार-विमर्श कर उन्हें चिकित्सा शिक्षा में लाना है। ताकि संकाय सदस्य टीचिंग लर्निंग मैथड इन मेडिकल एजुकेशन की आधुनिक तकनीकी को अपनाकर भावी चिकित्सको को मरीज हित मे अच्छी शिक्षा दे सके। कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ डॉ.पवन बट्ट ने सभी संकाय सदस्यों को एक-दूसरे से परिचय कराया और ग्रुप डायनेमिक्स की परिभाषा विभिन्न आयामों से सिखायी और टीचिंग लर्निंग मैथड पर जानकारी दी। सीखने के सिद्धांत विषष पर डॉ.दीपा हटवाल ने अपने विचार रखे और अच्छे तरीके से शिक्षण कार्य एवं पाठ्यक्रम के बुनियादी समझ को प्रदर्शित किया। जबकि डॉ.किगशुक लाहौन ने लक्ष्यों,योग्यता आधारित शिक्षा के सिद्धांत,सीखने के सिद्धांत सहित विभिन्न बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया। विषय विशेषज्ञ प्रो.दीपक डिमरी ने इंट्रोडक्शन टू असेसमेंट एवं डॉ.निरंजन गुंजन ने आंतरिक मूल्यांकन (आईए) और रचनात्मक मूल्यांकन विषय पर अपने विचार रखे। इस मौके पर हिमाचल प्रदेश से पहुंचे डॉ.शैलेन्द्र कौशिक,डॉ.अविनाश गोयल,डॉ.विकास सिंह,डॉ.संगीत कौर,डॉ.प्रिंस गोयल,डॉ.अंकिता शर्मा,डॉ.संजय कुमार,डॉ.दीपांशु धिमान,डॉ.अनिल कुमार,डॉ.प्रतिभा गुप्ता,डॉ.विवेक कुमार,डॉ.अतुल सिंह, यूपी से पहुंचे डॉ.दीपा तयाल,हल्द्वानी से पहुंचे डॉ.बसंत कुमार जोशी,श्रीनगर मेडिकल कॉलेज प्रो.अनिल द्विवेदी,डॉ जानकी बर्त्वाल,डॉ.दीप्ति शर्मा,डॉ.अंकिता गिरी,डॉ.इंदिरा यादव,डॉ.अशोक शर्मा,डॉ.दिनेश सिंह,डॉ.हरप्रीत सिंह,डॉ.हरि सिंह,डॉ.मोहित कुमार,डॉ.विवेक द्विवेदी,डॉ.श्वेता शर्मा आदि मौजूद थे।

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