Spread the love

श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस पर शिव शक्ति की महिमा का मार्मिक वर्णन

प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। आज श्रीमद् भागवत के तृतीय दिवस पर ग्राम बलोड़ी में आचार्य रतीश काला ने श्री शिव-शक्ति की महिमा,श्री गणेश चतुर्थी व्रत महिमा का बड़ा ही मार्मिक वर्णन किया। श्री शिव को पति स्वरूप पाने ने पार्वती के कठिन संकल्प की सुन्दर प्रस्तुति की। आचार्य रतीश ने प्रेम विवाह की मर्यादा का गहन विवेचन किया। उन्होंने कहा कि श्री सीता राम,श्री उमा शिव का विवाह वास्तव में प्रेम विवाह है। प्रेम विवाह में परस्पर समर्पण,दोनों परिवारों की प्रतिष्ठा,सामाजिक आचार व्यवहार अति महत्वपूर्ण है। वर्तमान समाज में इसे बहुत महत्व नहीं दिया जा रहा है,इसीलिए परिवारों का विघटन हो रहा है। उन्होंने इसे गंभीर सामाजिक समस्या बताया। श्री शिव‌ विवाह का‌ अत्यंत भावपूर्ण वर्णन करते हुए उन्होंने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्री शिव के रमणधर,दयाकर,दिगंबर,भयंकर,आनंदकर,रक्षाकर,विभिन्न रूप स्वरूपों का ऐसा चित्रण किया कि कुछ भाव विभोर मातृशक्ति में दैवीय आवेश स्पष्ट हो गया, जिससे पूर्ण पांडाल देवमय सा हो गया। कल चौथे पर्व ‌पर श्री राधा कृष्ण जी का विषय भी प्रस्तुत किया जाएगा। विद्वान आचार्य ने सभी आदरणीय भक्तगणों को आदर्श समाजिक परंपराओं और नियमों का पालन करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमें नियमों को तोड़ने की किसी ने अनुमति नहीं दी है। इस अवसर पर नवीन बहुगुणा गल्थू,प्रवीण चमोली,डॉ.शकर काला,प्रकाशी बहुगुणा गोवर्धन,मुकुल,विनोद,योगेश,कुलदीप अवधेश,चण्डी प्रसाद,मनोरमा,जानकी, सुनीता,सुचिता,डॉ.मीना काला,आशा,सुता,मधु,नीरा,सरोती,सरोजिनी,रोशनी आनंद,सुषमा,सुशीला,आभा,संगीता,कमला नेहा आदि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp