केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में रोटरी क्लब का चिकित्सा शिविर 400 छात्रों और अध्यापकों का स्वास्थ्य परीक्षण,डॉक्टरों ने दिये टिप्स
प्रदीप कुमार
देवप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय,श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में आयोजित चिकित्सा शिविर में विभिन्न विशेषज्ञ चिकित्सकों ने लगभग 400 छात्रों की जांच कर उन्हें ऐसी दिनचर्या के टिप्स दिये,ताकि कोई बीमारी लगे ही नहीं। आज की युवा पीढ़ी द्वारा कानों पर लीड लगाए रखने को कानों के लिए सबसे घातक बताते हुए डॉक्टरों ने कहा कि शरीर में लगने वाली चोटों में सिर की चोट सबसे अधिक जानलेवा होती है, इसलिए दो कदम ही जाएं, लेकिन हेलमेट जरूर पहनें। बच्चों को दांतों की सफाई के तरीके तथा योग करने और खेलकूद को दिनचर्या का आवश्यक हिस्सा बनाये रखने की भी प्रेरणा दी गयी। डॉक्टरों ने फास्ट फूड को स्वास्थ्य का दुश्मन बताया। लगभग 40 लोगों की चिकित्सकीय टीम ने परिसर में पूरे अस्पताल की ओपीडी की सुविधाये उपलब्ध करायीं। रोटरी क्लब श्रीनगर की ओर परिसर में आयोजित शिविर में डॉक्टरों ने बच्चों के ब्लड प्रेशर, शूगर इत्यादि की जांच की ईएनटी,हड्डी रोग,हृदय रोग,दांत रोग,सामान्य चिकित्सा,आयुर्वेदिक चिकित्सा आदि विशेषज्ञों ने बच्चों की इन बीमारियों का उपचार किया और निःशुल्क दवायें दीं। श्रीनगर के वरिष्ठ सर्जन डॉ.एम.एच.गैरोला ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सा के साथ अध्यात्म को जोड़ते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति संपूर्ण मानव जाति के स्वस्थ्य और नीरोग होने की कामना करती आयी है। समस्त डॉक्टरों को इसे ग्रहण करना चाहिए। दंत चिकित्सक डॉ.हरीश भट्ट ने कहा कि दांतों की बीमारी लगने का बड़ा कारण ब्रशिंग सही तरीके से न करना है। ब्रशिंग का सही तरीका बताते हुए उन्होंने बताया कि दांतों और इनकी बीमारियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। डॉ.सचिन चौबे ने हड्डियों के रोगों के निदान के विषय में बताते हुए कहा कि आज की पीढ़ी में यह बीमारी इसलिए लग रही है कि वे कमरों में लेटकर मोबाइल में मस्त रहते हैं और धूप में बैठना उचित नहीं समझते। धूप से हमें विटामिन डी मिलता है,जो हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक है। डॉ.दिगपाल ने कानों के लिए लीड को खतरनाक बताते हुए कहा कि यह कानों के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकती है। मोबाइल की आवाज भी कम रखनी चाहिए। मोबाइल फोन का अनावश्यक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डॉ.मोहित ने बच्चों को बताया कि यदि आंखों में कुछ भी समस्या आ रही है तो चिकित्सकीय जांच अवश्य करानी चाहिए। आयुर्वेदाचार्य डॉ.सुशांत मिश्रा ने कहा कि आयुर्वेद में सभी रोगों को समूल नष्ट करने की शक्ति है। आयुर्वेद भारतीय ज्ञान परंपरा की प्रतिनिधि पैथी है। इन सभी चिकित्सकों डॉ.गीता राव,डॉ.अर्पिता पुंडीर,डॉ.शिराज खान समेत मैक्स अस्पताल,देहरादून की टीम ने बच्चों की जांच की। प्राक्शास्त्री से लेकर आचार्य और पीएचडी के लगभग 400 छात्रों ने इस चिकित्सा शिविर का लाभ उठाया। इससे पहले मंगलाचरण और गढ़वाली में सरस्वती वंदना के साथ शिविर का उद्घाटन रोटरी क्लब के अध्यक्ष और श्री घंटाकर्ण देवता के रावल दिनेश जोशी तथा श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर के निदेशक प्रो.पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने किया। इस अवसर पर रोटरी क्लब के अध्यक्ष जोशी समेत क्लब सचिव अनिल ढौंडियाल,कोषाध्यक्ष डॉ.हरीश भट्ट,समन्वयक ब्रजेश भट्ट आदि का श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर की ओर से निदेशक ने सम्मान किया। अध्यक्ष जोशी ने बताया कि शीघ्र ही परिसर में रोटरी की ओर एक रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन हिंदी प्राध्यापक और जनसंपर्क अधिकारी डॉ.वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल ने किया। रोटरी क्लब श्रीनगर की ओर से इस मौके पर श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर के निदेशक प्रो.पीवीबी सुब्रह्ममण्यम को चार धाम मंदिरों की प्रतिकृति देकर सम्मानित किया गया। परिसर के राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों ने शिविर में स्वयं सेवियों की भूमिका निभायी। इस अवसर पर डॉ.अरविंद सिंह गौर,डॉ.अवधेश विजल्वाण,राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ.सुरेश शर्मा,रजत गौतम छेत्री,केबी थपलियाल,एसपी कंडियाल,जगदंबा प्रसाद रतूड़ी, ओमप्रकाश गोदियाल,मनोज त्रिवेदी,दिनेश चौहान,एस.पी.घिल्डियाल,अनूप घिल्डियाल आदि उपस्थित थे।