Spread the love

श्रीनगर गढ़वाल में जैन समाज ने धूमधाम से मनाया क्षमा वाणी महापर्व

प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल के 1008 दिगंबर जैन मंदिर में प्रातःकालीन बेला में पूर्ण विधि-विधान के साथ जिन प्रतिमाओं का अभिषेक किया गया। समस्त जैन समाज द्वारा पूजा-अर्चना की गई। यह पर्व दस लक्षण महापर्व के सुख शांति पूर्वक समापन के शुभ अवसर पर लोक कल्याण और मैत्री भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है।

क्षमा वाणी पर्व पर जैन धर्मावलंबी जाने-अनजाने हुई अपनी समस्त त्रुटियों के लिए एक दूसरे से मन,वचन और काय से क्षमा याचना करते हुए क्षमादान देते हुए विश्व बंधुत्व की मैत्री भावना का पावन संदेश देते हैं। जैन धर्म का सिद्धांत है कि यदि किसी के साथ जाने-अनजाने में कुछ गलत किया हो तो उसे क्षमा मांग लो और यदि कोई तुमसे क्षमा मांगता है तो उसे मुक्त हृदय से क्षमा प्रदान करो।

भगवान महावीर के पावन संदेश ‘जियो और जीने दो’ का पालन करें तो संपूर्ण जगत में सुख शांति और बंधुत्व का भाव पनपेगा। विश्व के सभी धर्मों में क्षमा को वीरों का आभूषण कहा गया है। यदि सभी लोग क्रोध का त्याग कर दें तो सभी के जीवन में सुख शांति हो जाएगी। यही इस महापर्व की मूल भावना है।
जैन समाज ने धूमधाम से मनाया क्षमा वाणी महापर्व। जैन समाज के सभी लोग उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp