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हिमवन्त कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल राजकीय महाविद्यालय में तनाव प्रबन्धन कार्यशाला का हुआ आयोजन

प्रदीप कुमार

चमोली/श्रीनगर गढ़वाल। हिमवन्त कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल राजकीय महाविद्यालय नागनाथ पोखरी,चमोली में तनाव प्रबन्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पोखरी की चिकित्सक डॉ.शालिनी थापा रही। कार्यक्रम के संयोजक एवं मुख्य शास्ता डॉ.नन्दकिशोर चमोला ने बताया कि शासन/निदेशक,उच्च शिक्षा एवं महानिदेशक,स्वास्थ्य उत्तराखण्ड के निर्देशानुसार महाविद्यालय में तनाव प्रबन्धन कार्यशाला सम्पन्न करायी जा रही है। कार्यशाला में मुख्य अतिथि डॉ.शालिनी थापा,प्राचार्य डॉ.संजीव कुमार जुयाल को बैच अलंकृत एवं स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया गया। मुख्य वक्ता डॉ.शालिनी थापा ने बताया कि बिना तनाव के जीवन सम्भव नहीं है परन्तु तनाव मुक्त होने के लिए गहरी सांसे लेना जिससे रक्त संचार सामान्य हो,मेडिसिएन,अच्छी नींद लेना,हेल्दी डाइट, मन मार के कोई कार्य न करना इत्यादि नौ बिन्दुओं पर सुझाव / टिप्स दिये। डॉ.शशि चौहान द्वारा पूछे प्रश्न तनाव के क्या लक्षण है के जवाब में मुख्य वक्ता ने बताया कि कम बातें करना,चिडचिड़ापन,अकेलापन,अस्वस्थता,तनाव के लक्षण हैं। जिन्हें समय पर समाधान किया जाना चाहिए एवं उसके साथ बैठकर बातचीत कर समाधान करने का प्रयास करें अन्यथा इसके दीर्घगामी परिणाम खतरनाक परिणाम सिद्ध हो सकते हैं। डॉ.नन्दकिशोर चमोला ने बताया कि नियमित दिनचर्या,खान-पान,अनैतिकता,असफलता तनाव का कारण बन रहे हैं। छात्रों को मेहनती,परिश्रमी और नियमिता,अच्छा खान-पान,मादक पदार्थों से दूर रहकर सफल बने जिससे कि तनाव स्वाभाविक ही दूर रहेगा। डॉ.राजेश भट्ट ने तनाव दूर करने हेतु आर्ट ऑफ लिविंग के कुछ टिप्स सोम,आई कॉन्टैक्ट,लाफिंग,आंख बन्द करके डांस,तनाव की बातें पुड़िया में रखना,ऐक्यूपेंसर,मरणासन्न से तनाव दूर किये जा सकते हैं। प्राचार्य डॉ.संजीव कुमार जुयाल ने आठ प्रमुख बिन्दु जिसमें रूपया आम आदमी के तनाव का मुख्य कारण बनता जा रहा है। व्यक्तिगत परिवार की समस्याएं,अहम,प्यार प्रेम का अभाव,स्वास्थ्य समस्याएं इत्यादि तनाव का कारण बनती जा रही हैं जिन्हें शान्त मन से धीमे-धीमे दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम संयोजक के डॉ० नन्दकिशोर चमोला की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनके द्वारा अल्प समय में वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के समापन में संयोजक डॉ.नन्दकिशोर चमोला ने मुख्य वक्ता एवं प्राचार्य का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए समस्त कार्मिकों एवं छात्र-छात्राओं को तनाव मुक्त रहने की सलाह देते हुए समस्त कार्मिकों का इस कार्यशाला में सहयोग प्रदान करने हेतु आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ.अंजली रायत,डॉ.कीर्ति गिल,डॉ.राशि चौहान,डॉ.रेनू सनवाल,डॉ.अनिल कुमार,डॉ.आयुष,डॉ.केवलानन्द,डॉ.आरती रावत,डॉ.शाजिया सिद्दीकी,डॉ.कंचन सहगल,डॉ.अभय कुमार श्रीवास्तव एवं समस्त शिक्षणेत्तर कर्मचारी वर्ग व पीटीए उपाध्यक्ष जगदीश प्रसाद जोशी,समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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