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गढ़वाली कुमाऊनी और जौनसारी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल किए जाने की धीरेंद्र प्रताप ने उठाई मांग

प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने आज यहां जारी एक बयान मे उत्तराखंड की तीन भाषाओं गढ़वाली कुमाऊनी और जौनसारी को भारत की भाषाओं की आठवीं सूची में शामिल किए जाने की मांग की है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में असमिया समेत पांच भाषाओं को संविधान की आठवीं सूची में शामिल किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखंड की तीनों भाषा ओ का अपना इतिहास अपनी शब्दावली रही है। उन्होंने कहा अब समय आ गया है कि इनको भी राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलनी चाहिए। धीरेंद्र प्रताप ने कहा इस संबंध में उत्तराखंड के भाषा विद और अन्य भाषा प्रेमी इसको लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। धीरेंद्र प्रताप ने इस बीच भाषाओं को लेकर केंद्र सरकार की कार्रवाई का स्वागत किया और कहा कि यह देश के लिए गौरव की बात है कि देश की उत्तर पूर्व की भाषाओं से लेकर तमाम भाषाओं को केंद्र ने सविधान की आठवीं सूची में जोड़कर उनको राष्ट्रीय सम्मान देने का काम किया है। उन्होंने कही इससे इन राज्यों की इन भाषाओं को विशेष दर्जा मिलेगा और देश में उनकी मान्यता बढ़ेगी।

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