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हेमंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में हुई प्रशिक्षण कार्यशाला

प्रदीप कुमार श्रीनगर गढ़वाल। आज दिनांक 18 अक्टूबर 2024 को भूगोल विभाग हेमती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर में संचालित हो रहे 10 दिवसीय रिसर्च पैथोलॉजी कोर्स के पांचवें दिन मोहम्मद ऐड्रेस विली प्रोफेसर भूगोल विभाग चेयर प्रोफेसर यूनियन विश्वविद्यालय यूनियन स्विट्जरलैंड द्वारा हिमनदों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव तथा समुद्री स्टे का लगातार बढ़ने के पढ़ रहे कोपिया और समुद्री तृतीय क्षेत्र पर पढ़ रहे प्रभावों पर एक व्याख्यान दिया उन्होंने कहा कि ग्रीनलैंड और हिमालय दोनों ही भविष्य के स्वच्छ जल के भंडार हैं और मौसम परिवर्तन के कारण लगातार ग्लेशियर पिघलने से अनेकों क्रिस्पी में निवास करने वाले जीव जंतुओं पर संकट है और अनेकों विलुप्त के कगार पर हैं भविष्य में हिमालय ही क्षेत्र में ग्लेशियरों के पिघलने की दर और बढ़ेगी और इसलिए अधिक से अधिक युवाओं को शोध के क्षेत्र में आगे आने की आवश्यकता है। जीवन विश्वविद्यालय के दूसरे भूगोल विद मोहम्मद इवान मिल्स ने 10 दिवसीय कार्यशाला को संशोधित करते हुए कई शोध तकनीकियां और शोध विधियों में नित नई तकनीकियां आ रही है इसलिए शोध छात्रों को उनकी जानकारियां और तकनीकियों की समझ रखती आवश्यक है। हिम्मत एवं जलवायु परिवर्तन पर विश्व स्तरीय कथा विद्या संसाधन उपलब्ध है उसे पर भी प्रोफेसर मिल्स ने विस्तार से बताया प्रोफेसर शंकर डी इंस्टिट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज मद्रास द्वारा तो पेंट ग्लेशियर की मॉडलिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों वैश्विक तापमान के प्रभाव और लगातार अपना जो कि अधिक जल से संबंधित घटित हो रही है के बारे में चिंता व्यक्त की गई अगर यही गति तापमान बढ़ने की रही या दुनिया में कार्बन उत्सर्जन की रही तो हिमालय जो की आधी दुनिया की आबादी को पोषित करता है। पेयजल और स्वच्छ जल के क्षेत्र में उसे बचाना आज की आवश्यकता है निरंतर नवीन शोध और नवीन ज्ञान ही इसको बढ़ाने के सहयोग कर सकता है आईआईटी रुड़की अर्थ साइंस विभाग के प्रोफेसर अरुण कुमार शरीफ ने 100 तकनीकियों और रिपोर्ट राइटिंग की बारीकियां के साथ-साथ कैसे प्रेजेंटेशन स्किल एक शोध छात्र के लिए आवश्यक है। इस विषय पर अपना व्यवसायों दिया कोर्स कोआर्डिनेटर भूगोल विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर मोहन सिंह पवार ने कहा कि निश्चित ही सभी छात्र विभिन्न क्षेत्र के विषय विशेषज्ञ द्वारा दिए गए अभियानों का लाभ अपने शोध कार्य में करेंगे और भविष्य में इन सभी विषयों को अपने शोध का हिस्सा बनेंगे तभी इस कोर्स की सार्थकता संसार हो पाएगी। उक्त अवसर पर अर्थ साइंस विभाग के दिन प्रोफेसर क नैनवाल भूगोल विज्ञान के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर एमपीएस बेस्ट डॉ.राकेश सैनी,डॉ.हाजीपुर रहमान,डॉ.नरेंद्र कुमार,डॉ.रंजन करमराकर,मोहम्मद,डॉ.अरविन्द दरमोडा,डॉ.नरेंद्र कुमार मीणा आदि लोग उपस्थित थे।

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