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गौरव सेनानी संगठन के पदाधिकारियों ने की सहायक निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल से शिष्टाचार भेंट।

प्रदीप कुमार
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल।भूतपूर्व सैनिकों के सबसे बड़े संगठन गौरव सेनानी संगठन एवं संस्कृत शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों ने आज सहायक निदेशक शिक्षा/ संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल से उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की। सहायक निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल द्वारा शिक्षा में संस्कारों एवं व्यापक अनुशासन का समावेश करते हुए उत्थान के लिए निरंतर किये जा रहे नवाचारों के प्रयासों हेतु उन्हें पुष्प गुच्छ एवं सुझाव पत्र भेंट करते हुए संगठन के अध्यक्ष सच्चिदानंद नौटियाल ने कहा कि शिक्षा में संस्कारों एवं अनुशासन का समावेश हो इस हेतु सहायक निदेशक द्वारा किए जा रहे प्रयासों से संगठन अत्यधिक प्रभावित है,और इसलिए उन्होंने पूरे संगठन की तरफ से उनका सम्मान करने के साथ-साथ एक सुझाव पत्र भी इस संदर्भ में उन्हें सौंपा है,जिससे शिक्षण संस्थानों में नशाखोरी एवं अनुशासनहीनता पर पूर्ण रूप से रोक लग सके। मौके पर उपस्थित उत्तराखंड संस्कृत शिक्षक संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष एस.एन.भट्ट ने कहा कि वास्तव में विगत 2 वर्षों में डॉ.घिल्डियाल द्वारा जिस प्रकार अपनी विद्वत्ता एवं कुशल प्रशासनिक क्षमता की छाप विद्यालयों पर छोड़ी गई है,वह बेमिसाल है,और उनकी शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा के प्रति विशेष सकारात्मक सोच के परिणाम दीर्घ गामी होंगे इसमें कोई संशय नहीं है। पुष्प गुच्छ एवं सुझाव पत्र को स्वीकार करते हुए सहायक निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है,कि भूतपूर्व सैनिकों के संगठन ने उनके कार्यों का संज्ञान लिया है,उनका मानना है कि जिस शिक्षा में संस्कार ना हो वह शिक्षा स्वयं के साथ-साथ पूरे देश के लिए घातक होती है,इसलिए शिक्षा में संस्कारों का समावेश तथा अनुशासन होना परम आवश्यक है,और इसके लिए वह निरंतर प्रयासरत हैं।

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