बजीरा में रामलीला मंचन:श्रीराम के वनवास की भावनात्मक कहानी ने दर्शकों को मोहित किया
प्रदीप कुमार
जखोली-रूद्रप्रयाग/श्रीनगर गढ़वाल। विकासखण्ड जखोली की ग्राम पंचायत बजीरा में आदर्श रामलीला समिति बजीरा के सौजन्य से श्री रामलीला मंचन का आयोजन किया जा रहा है।चौथे दिन कलाकारों ने श्रीराम वनवास का मंचन किया। मंचन के तहत दिखाया गया कि राजा दशरथ से कैकेयी ने दो वर मांगे, जिसमें एक में राम को चौदह वर्षों का वनवास और दूसरे में भरत को सिंहासन। इसके बाद राम,सीता और लक्ष्मण वन के लिए निकल पकड़ते हैं,जिसे देखकर दर्शक भावुक हो गए।इस दौरान जय श्रीराम के जयघोष गूंज उठे। मंचन के माध्यम से दिखाया गया कि सीता स्वयंवर के बाद जब श्री राम-लक्ष्मण अयोध्या पहुंचते हैं,तो पूरे राज्य में खुशियां मनाई जाती हैं। राजा दशरथ श्रीराम को अयोध्या का राजपाठ देने का निर्णय करते हैं। अंतिम समय पर कैकेयी अपनी दासी मंथरा के कहने पर पूर्व में दिए गए राजा दशरथ को दो वर मांग लेती है। पहले में वह श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास,दूसरे में भरत को अयोध्या का राजा बनाने को कहती हैं। राजा दशरथ कैकेयी को बहुत मनाते हैं,मगर कैकेयी नहीं मानतीं। जब श्रीराम को पता चलता है कि माता कैकेई ने भरत के लिए राज्याभिषेक और उनके लिए 14 वर्ष का वनवास मांगा है,तो वह सहर्ष तैयार हो जाते हैं।इसके बाद तीनों सन्यासी की वेशभूषा में राजा दशरथ एवं तीनों रानियों से आज्ञा लेकर वन के लिए प्रस्थान करते हैं। इस मौके पर संरक्षक पूर्व प्रधान जीत सिंह राणा,संचालक भगत सिंह पुण्डीर,समिति के अध्यक्ष सतीश राणा,उपाध्यक्ष जीतेन्द्र नेगी,प्रधान व कोषाध्यक्ष दिनेश चौहान,सचिव दिनेश सिंह राणा,मंच निर्देशक जयेंद्र सिंह नेगी,जयकृत नेगी,युवक मंगल दल अध्यक्ष भगत राणा,शिव सिंह रावत,शूरवीर सिंह रावत,अनिल नेगी,रमेश लाल,महिपाल चौहान,देवेंद्र सिंह चौहान,जसपाल सिंह चौहान,विपिन राणा,मनोज नेगी,संजय रावत आदि मौजूद रहे।