संस्कृत भाषा-हमारी संस्कृति की आत्मा है,इसे वैश्विक भाषा बनाने के हम सबको सामूहिक प्रयास करने होंगे-डीएम
प्रदीप कुमार
पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल।केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग पौड़ी गढ़वाल के तत्वाधान में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय क्रीड़ा,सांस्कृतिक,शैक्षिक,स्पर्धा के चतुर्दशम: युवमहोत्सव: में जिलाधिकारी गढ़वाल डॉक्टर आशीष चौहान ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में उपस्थितो को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि संस्कृत सिर्फ एक भाषा नहीं है,बल्कि यह हमारी संस्कृति की आत्मा है। यह वेदों,उपनिषदों,पुराणों और महाकाव्यों की भाषा है। इस भाषा ने हमारे देश को ज्ञान,दर्शन और संस्कृति के क्षेत्र में अद्वितीय ऊंचाइयां दी हैं। कहा कि संस्कृत कभी सिर्फ भारत की भाषा नहीं रही है। यह एक वैश्विक भाषा रही है। दुनिया के कई देशों में संस्कृत का अध्ययन होता था और इसका प्रभाव उनकी संस्कृति पर भी दिखाई देता था।उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में भी संस्कृत का महत्व कम नहीं हुआ है। संस्कृत हमें सही सोच,सही व्यवहार और सही जीवन जीने का मार्ग दिखाती है। संस्कृत के अध्ययन से हमारे एक सच्चे परमार्थी व्यक्तित्व का विकास होता है।उन्होंने छात्रों से कहा कि आप सभी युवा हैं और आप देश का भविष्य हैं। आप सभी को संस्कृत भाषा को सीखने और उसे आगे बढ़ाने का दायित्व है।संस्कृत को जीवंत रखने के लिए हमें सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। कार्यक्रम में देश व प्रदेश के संस्कृत भाषी व संस्कृत प्रेमी लोगो,शिक्षकों,छात्रों ने प्रतिभाग किया।