प्रदीप कुमार पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वाले मध्य प्रदेश के गिरोह का पौड़ी पुलिस ने किया पर्दाफाश 22 अप्रैल 2024 को वादी आशीष कुमार,कमांडेन्ट केन्द्रीय कृत प्रशिक्षण केन्द्र एस.एस.बी.श्रीनगर गढ़वाल ने कोतवाली श्रीनगर पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि रामबृज पुत्र रामसेवक,निवासी ग्राम बीच का पुरा,तहसील व थाना अम्बाह,जिला मुरैना म.प्र.ने एस.एस.बी.द्वारा आयोजित परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों व फर्जी फोटो,थम इम्प्रेशन आदि का प्रयोग करते हुये फर्जी अभ्यर्थी बनकर धोखाधडी की है। इस प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर तत्काल कोतवाली श्रीनगर में पंजीकृत किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी लोकेश्वर सिंह द्वारा धोखाधड़ी से सम्बन्धित अभियोग की गम्भीरता को देखते हुए घटना की स्वंय मॉनिटरिंग करते हुये प्रभारी निरीक्षक श्रीनगर को तत्काल टीम गठित कर धोखाधड़ी करने वाले अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी करने हेतु आदेशित किया गया था।
जिसके क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार जया बलोनी के निर्देशन,क्षेत्राधिकारी सर्किल श्रीनगर आर.के.चमोली के पर्यवेक्षण,प्रभारी निरीक्षक श्रीनगर के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा अभियुक्त रामबृज पुत्र रामसेवक,निवासी ग्राम बीच का पुरा,तहसील व थाना अम्बाह,जिला मुरैना म.प्र.को दिनाँक 22.04.2024 को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अभियोग उपरोक्त में दौराने विवेचना प्रकाश में आया कि अभियुक्त रामबृज व उसका छोटा भाई विकास व उसके अन्य साथी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में उचित रकम लेकर फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरे अभ्यार्थियों की जगह परीक्षा में सम्मिलित होकर धोखाधड़ी करते है। पुलिस टीम द्वारा अभियोग उपरोक्त में संलिप्त अभियुक्त विकास जो लगातार फरार चल रहा था, पुलिस टीम द्वारा दिनांक 24.04.2024 को श्रीनगर से गिरफ्तार कर अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। उपरोक्त अभियोग में पुलिस द्वारा गम्भीरता से जाँच की जा रही है व अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम प्रयासरत है। अभियुक्तों के अन्य आपराधिक इतिहास व अन्य फर्जीवाड़ों की भी विस्तृत जाँच की जा रही है।
पूछताछ का विवरणः- दौराने पूछताछ अभियुक्त रामबृज पुत्र रामसेवक ने बताया कि वर्ष-2020 में वह भारतीय सेना की 27 राजपूत रेजमेन्ट मे भर्ती हो गया था और उसे मोबाइल पर सट्टा व जुआ खेलने की आदत हो गयी थी जिस कारण उसके ऊपर काफी लोगों का कर्जा हो गया था जिस कारण वह वर्ष-2022 में आर्मी की नौकरी छोड़कर घर आ गया था। अभियुक्त व उसका छोटा भाई विकास अपने साथियों के साथ मिलकर सरकारी नौकरी हेतु विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें शारीरिक व लिखित परीक्षा में पास कराने का ठेका लेते थे एवं अभियुक्त रामबृज अभ्यर्थियों के बदले फिजिकल परीक्षा देता था और उसका छोटा भाई विकास व उसके दोस्त प्रतियोगी परीक्षा की लिखित परीक्षाओं में अभ्यार्थी के बदले परीक्षा देते थे एवं उनके अन्य फर्जी आधार कार्ड,जाति प्रमाण पत्र,मूल निवास एंव एडमिट कार्ड पर एडिटिंग कर फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करते थे। अभियुक्तों द्वारा अभी तक कई अभ्यर्थियों से लाखों रूपये लेकर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराया गया है। दिनांक 22.4.2024 को स्किल टैस्ट व मेडिकल के दौरान एस.एस.बी.के द्वारा हमें फर्जीवाड़ा करते हुये पकड़ लिया गया।