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चारधाम यात्रा में संस्कृत को उचित स्थान देने की मांग:आचार्य दैवज्ञ

प्रदीप कुमार
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल।उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त चार धाम यात्रा के उचित संचालन हेतु प्रदेश की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के लोगों को बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में उचित सम्मानजनक स्थान देने की सरकार को सलाह दी है।जारी बयान में डॉक्टर दैवज्ञ ने कहा है,कि मंदिर समिति के अध्यक्ष का 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने को है सरकार को दूसरा अध्यक्ष शीघ्र मनोनीत करना है,परंतु जिस प्रकार बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के द्वारा ही अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय चारधाम यात्रा का संचालन किया जाता है और अब तो ऑल वेदर यात्रा प्रारंभ हो रही है इसलिए इस समिति में द्वितीय राजभाषा संस्कृत के लोगों का रहना आवश्यक प्रतीत होता है,और उसके लिए सरकार के पास अलग से संस्कृत शिक्षा विभाग भी कार्यरत है।अपनी सटीक भविष्यवाणियों के लिए अंतरराष्ट्रीय जगत में प्रसिद्ध आचार्य दैवज्ञ ने मुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री को सलाह दी है,कि श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के द्वारा ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध उत्तराखंड ही नहीं अपितु पूरे देश की प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई चार धाम यात्रा का संचालन किया जाता है,इसलिए पहले तो इस समिति का अध्यक्ष भी संस्कृत का ही विद्वान हो अथवा सरकारी नियुक्ति/प्रतिनियुक्ति से जुड़े हुए मुख्य अधिशासी अधिकारी की तैनाती एवं सम्मानित सदस्यों का मनोनयन संस्कृत शिक्षा विभाग के सहायक निदेशकों एवं उनके द्वारा मनोनीत संस्कृत शिक्षा में जिम्मेदार पदों पर कार्य कर रहे लोगों में से की जाए तो बहुत अच्छा संदेश पूरे विश्व में जाएगा।आचार्य दैवज्ञ ने विश्वास व्यक्त किया है,कि युवा एवं आध्यात्मिक विचारवान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अवश्य उनकी सलाह का संज्ञान लेते हुए समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की तरह ही सरकार द्वारा द्वितीय राजभाषा संस्कृत को उत्तराखंड में समुचित स्थान दिए जाने का संदेश पूरे देश में देने में सफल होंगे।

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