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विधानसभा में संस्कृत संभाषण का अनोखा कार्यक्रम मंत्रियों-विधायकों को दी गई संस्कृत बोलने की ट्रेनिंग

प्रदीप कुमार
देहरादून/श्रीनगरगढ़वाल। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मध्यान भोजन के बाद सत्र प्रारंभ होने से पहले विधानसभा का हाल राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत संभाषण से गूंज उठा। दरअसल विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विशेष पहल पर मानसून सत्र गैरसैंण की तरह बजट सत्र के दूसरे दिन आज संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा संस्कृत अकादमी के सहयोग से राज्य के सभी मंत्री गणों माननीय विधायकों एवं ब्यूरोक्रेट्स को सरल संस्कृत संभाषण का अभ्यास कराया गया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष रितु भूषण खंडूरी ने कहा कि संस्कृत से ही भारत के विश्व गुरु बनने का रास्ता तय होता है,इसलिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया है,और इसी तर्ज पर द्वितीय राजभाषा का सम्मान करते हुए सभी को संस्कृत संभाषण करना चाहिए।शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य के 13 ग्रामों को संस्कृत ग्राम घोषित कर दिया गया है,और वहां पर प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है,जो लोगों को सरल संस्कृत संभाषण कराएगे उन्होंने इस संस्कृत संभाषण के लिए संस्कृत शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों की प्रशंसा की।प्रशिक्षण सत्र में संस्कृत उन्नयन समिति के अध्यक्ष विधायक भरत चौधरी,कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल,सौरभ बहुगुणा,विधायक बृजभूषण गैरोला,सविता कपूर,उमेश कुमार,रेनू बिष्ट,सचिव दीपक गैरोला,निदेशक आनंद भारद्वाज,उपनिदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल,संस्कृत अकादमी के सचिव बाजश्रवा आर्य,पंकज पालीवाल,विशेष रूप से उपस्थित रहे प्रशिक्षण अकादमी के शोध अधिकारी डॉक्टर हरीश गुरु रानी ने दिया।

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