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प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र द्वारा कीर्तिनगर बाजार में आमजन के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज की पोस्टग्रेजुएट डॉक्टरों,इंटर्न एवं मेडिकल सोशल वर्करों द्वारा इस बारे में जानकारी प्रदान की गयी। पोस्टग्रेजुएट डॉ.उषा द्वारा बताया गया कि हाईपरटेंशन का खतरा महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में होता है। इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं जैसे-फैमिली हिस्ट्री,तनाव,गलत खानपान और लाइफ स्टाइल आदि। लेकिन इससे बचने के लिए न केवल डाइट और लाइफ स्टाइल पर ध्यान देने की जरूरत है बल्कि तनाव को कम करना और शरीर को सक्रिय बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज भी बेहद जरूरी है। इस अवसर पर पोस्टग्रेजुएट डॉ.अंसारी ने बताया कि आजकल 18 साल से 50 वर्ष के लोग हाइपरटेंशन के अधिक शिकार हैं।
मेडिकल सोशल वर्कर बिजेन्द्र सिंह ने बताया कि साठ साल की उम्र से पहले पुरुषों में उच्च रक्तचाप का खतरा ज्यादा रहता है,पर बाद में स्त्री-पुरुष दोनों में ही खतरे की आशंका बराबर होती है। रोजमर्रा की जिंदगी में हमें तमाम तरह की मीठी-कड़वी बातों से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में गुस्‍सा आना स्‍वाभाविक है। लेकिन गुस्‍सा अगर लत का रूप ले लें तो इस पर विचार करना जरूरी है। बात-बात पर गुस्‍सा करने से हमारी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। देखा गया है कि जो व्‍यक्‍ति गुस्‍सा नहीं करते,वो कम बीमार होते हैं। गुस्‍सा भी हमारी भावना का एक प्रकार है। लेकिन जब यह भावना व्‍यवहार और आदत में बदल जाती है, तो आप के साथ-साथ दूसरों पर इसका गंभीर असर पड़ने लगता है। इसके लिए जरूरी यह है कि अपने गुस्‍से की सही वजह को पहचाना जाए और उस पर नियंत्रण रखा जाए। अमूमन हमारे मन में सवाल होते हैं कि हम इससे किस तरह छुटकारा पाएं। लेकिन इससे पहले यह बात जानना जरूरी है कि गुस्‍से से छुटकारा क्‍यों पाएं। जिस व्‍यक्‍ति को गुस्‍सा ज्‍यादा आता है,उनमें ब्‍लडप्रेशर,हाइपरटेंशन,गंभीर रूप से पीठ में दर्द की शिकायत देखी गई है। इसके साथ ही ऐसे लोगों को पेट की शिकायत भी हो सकती है।
उच्च रक्तचाप वाले अधिकांश लोगों को कोई लक्षण महसूस नहीं होता है,बहुत उच्च रक्तचाप के कारण सिरदर्द,धुंधली दृष्टि,सीने में दर्द और अन्य लक्षण हो सकते हैं,उच्च रक्तचाप के कुछ प्रमुख लक्षणों में गंभीर सिरदर्द,सीने में दर्द,चक्कर आना,सांस लेने में कठिनाई,मतली,उल्टी,धुंधली दृष्टि या अन्य दृष्टि परिवर्तन,चिंता,भ्रम,कानों में गूंज,नाक से खून आना और असामान्य हृदय गति शामिल हैं.जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ आहार खाना,तंबाकू और शराब छोड़ना और अधिक सक्रिय रहना रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है,कई अवसरों पर दवाओं की आवश्यकता हो सकती है। इस अवसर पर मेडिकल सोशल वर्कर हिमांशु रावत,बिजेन्द्र सिंह,मीना कण्डारी पीजी,डॉ.उषा,डॉ.अजीम अंसारी,इंटर्न डॉ.आरुषि बिष्ट,अभिनव श्रीवास्तव,अभिषेक व्यास,अभिषेक बलूनी,आदित्य बडोला उपस्थित रहे।

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