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प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। संस्कृत शिक्षा निदेशालय एवं संस्कृत शिक्षा एवं परीक्षा परिषद के प्रदेश कार्यालयों को देहरादून शिफ्ट करने के नए संस्कृत शिक्षा सचिव के आदेश का पूरे प्रदेश में स्वागत हो रहा है। प्रेस को जारी बयान में संस्कृत शिक्षा संगठन के प्रदेश महामंत्री कुलदीप तथा प्रदेश संयोजक देवेश्वर थपलियाल ने कहां कि 2 वर्ष पूर्व बिना कैबिनेट निर्णय एवं बिना विधानसभा में प्रस्ताव पारित किए दोनों प्रदेश स्तरीय कार्यालयो को एक साथ देहरादून से हरिद्वार संस्कृत अकादमी भवन में शिफ्ट कर दिया गया,जिसका विभिन्न संगठनों ने उस समय विरोध भी किया। इससे सबसे बड़ा नुकसान उन छोटे कर्मचारियों को हुआ जो वर्षों से बहुत कम मानदेय पर कार्य कर रहे हैं,उनका आधा वेतन देहरादून से हरिद्वार आने जाने में ही खर्च हो गया। संस्कृत जगत के दोनों कद्दावर नेताओं ने बताया कि संस्कृत शिक्षा परिषद के कार्यालय को हरिद्वार ले जाने से बच्चों के सर्टिफिकेट पर भी असर पड़ सकता था,क्योंकि केंद्रीय शिक्षा बोर्ड बहुत जल्दी किसी बोर्ड कार्यालय को स्थानांतरित करने के पक्ष में नहीं रहता है,परंतु फिर भी कुछ लोगों की जिद के कारण ऐसा किया गया,उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत की अध्यक्षता में 23 जनवरी 2024 को उच्च स्तरीय अधिकारियों एवं विभिन्न संगठनों के साथ हुई संयुक्त बैठक के कार्य वृत्त के आधार पर नए सचिव दीपक कुमार ने इसका संज्ञान लेते हुए तत्काल निदेशालय एवं संस्कृत शिक्षा एवं परीक्षा परिषद के प्रदेश कार्यालयों को देहरादून शिफ्ट करने का आदेश जारी किया है, जिसका मुट्ठी भर लोगों को छोड़कर पूरे प्रदेश में विभिन्न संगठनों द्वारा स्वागत हो रहा है। संगठन के महामंत्री एवं संयोजक ने दोनों कार्यालयों के शीघ्र देहरादून शिफ्ट होने की आशा जाहिर की है।

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