धर्म की स्थापना हेतु भगवान प्रकट होते हैं–आचार्य रतीश
प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। आज विकास खण्ड खिर्सू के अंतर्गत ग्राम बलोड़ी में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के द्वितीय दिवस के शुभ अवसर पर व्यास पीठ पर विराजमान आचार्य रतीश ने कहा कि भगवान सदा ही धर्म के रक्षक हैं और धर्म स्थापना के लिए ही अवतरित होते हैं। भक्त यदि निश्छल तन-मन-काया से श्रीप्रभु का ध्यान करता है तो वे भक्तगण को मनवांछित फल अवश्य ही प्रदान करते हैं। श्रीमद्भागवत पुराण कथा के द्वितीय दिन बलोड़ी गांव में श्री भगवान के धर्मपरायण रूप स्वरूप का वर्णन करते हुए सभी भक्तजनों के कल्याण हेतु प्रवचन करते हुए सुप्रसिद्ध कथावाचक आचार्य रतीश काला ने अपने अति भावपूर्ण संबोधन में कहीं। क्षेत्र के लब्धप्रतिष्ठित विद्वान आचार्य रतीश की कथा प्रवचन सुनने भारी संख्या में मातृशक्ति मौजूद रहीं। लोकलुभावन संदर्भों से उपस्थित श्रोताओं को अपने अंदर ध्यान-ज्ञान सरलता-शालीनता स्थापित करने के महत्व व आवश्यकता पर गंभीर उद्धरण प्रस्तुत कर सभी का ध्यान आकर्षित किया। भागवतादि अन्य पुराणों की गहन जानकारी रखने वाले व्यास रतीश ने संस्कृत श्लोकों का भावार्थ हिंदी में किया और विषयों को सारगर्भित कर एक दिव्य माहौल प्रस्तुत कर श्रोताओं को बांध दिया। श्रीमद् भागवत कथा में राजाराम सेमवाल जीतराम सेमवाल,बिपिन सेमवाल,देवेन्द्र मिश्रा,वीरेंद्र उनियाल,दुर्गा प्रसाद काला,कालिका प्रसाद काला,पुष्पा मानस,मनोरथ बहुगुणा,मोहन काला,डॉ.मीना काला,डॉ.शंकर काला,नवीन बहुगुणा,हिमांशु,कमलेश काला,आचार्य चमोली आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।